Pahalgam Terror Attack: कश्मीर की वादियों में बहा खून, हर दिल दहल गया
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। किसी मां की गोद सूनी हो गई, किसी पत्नी का सुहाग उजड़ गया, तो किसी घर का कमाने वाला हमेशा के लिए चला गया। भाई-बहन, पिता-पुत्र, दोस्त—कई रिश्ते इस हमले की भेंट चढ़ गए। धरती की जन्नत पर दहशतगर्दों ने एक बार फिर खून की होली खेली है। इस बर्बरता ने सिर्फ निर्दोष जिंदगियों को लील नहीं लिया, बल्कि मानवता को भी लहूलुहान कर दिया है। यह सिर्फ एक हमला नहीं, एक ऐसी तस्वीर है जो हिंसा की सीमा लांघती हुई, दिल को झकझोर देने वाली दहशत बनकर सामने आई है—जिसे याद करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
इस बार आतंकियों ने न तो अंधेरे की आड़ ली और न ही किसी सुनसान जगह को चुना। इस बार उन्होंने कश्मीर की दोपहर को लहूलुहान किया और निशाना बनाया पहलगाम की सबसे हसीन और लोकप्रिय जगह—बैसरन, जिसे लोग ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहते हैं। अब तक इस घाटी की बर्फीली चोटियां और हरियाली लोगों को दीवाना बना देती थीं, लेकिन अब यही जगह खौफ और दर्द की तस्वीर बन चुकी है। 22 अप्रैल 2025 का दिन इतिहास में उस काली दोपहर के रूप में दर्ज हो गया है, जब सैलानियों की हँसी गोलियों की आवाज़ में बदल गई। इस नृशंस हमले ने देशभर को झकझोरने के साथ-साथ 10 बेहद गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके जवाब तलाशना अब वक्त की मांग है।
आइए जानते हैं वो 10 सवाल जो इस हमले से जुड़े हैं:
सवाल 1: आख़िर बैसरन ही क्यों बना आतंकियों का निशाना?
बैसरन को अब तक एक सुरक्षित पर्यटन स्थल माना जाता था, जहां आमतौर पर सेना या सुरक्षाबलों की अधिक तैनाती नहीं होती। क्या आतंकियों ने इसी खामी का फायदा उठाया?
सवाल 2: क्या हमलावर पहले से घाटी में मौजूद थे?
हमले की योजना और उसे अंजाम देने का तरीका देखकर ऐसा लगता है कि आतंकियों ने इस हमले की पूरी प्लानिंग पहले से कर रखी थी। क्या वो कई दिन से यहां छिपे हुए थे?
सवाल 3: क्या स्थानीय सहयोग भी शामिल था?
बिना किसी लोकल सपोर्ट के 4-5 आतंकी कैसे इतनी आसानी से बैसरन घाटी में घुस सकते हैं और इतने बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं? क्या उन्हें जानबूझकर पनाह दी गई?
सवाल 4: सुरक्षा एजेंसियों को हमले की भनक क्यों नहीं लगी?
क्या इंटेलिजेंस इनपुट में चूक हुई या फिर अलर्ट को गंभीरता से नहीं लिया गया? इस तरह की घटना बिना किसी चेतावनी के कैसे हो गई?
सवाल 5: हमले के बाद आतंकियों का क्या हुआ?
क्या वे अब भी इलाके में छिपे हुए हैं या सुरक्षित भागने में सफल हो गए? अब तक कितनों की पहचान हुई और कितने गिरफ्तार किए गए हैं?
सवाल 6: क्या पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोई विशेष व्यवस्था थी?
बैसरन जैसे प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर कोई सुरक्षा घेरा क्यों नहीं था? क्या स्थानीय प्रशासन इस ओर लापरवाह था?
सवाल 7: हमले के पीछे कौन सा आतंकी संगठन हो सकता है?
क्या इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी समूह ने ली है? या अभी तक हमलावरों की पहचान और उनके संगठन को लेकर स्थिति साफ नहीं है?
सवाल 8: क्या ड्रोन या अन्य निगरानी तंत्र वहां काम कर रहे थे?
जैसे क्षेत्रों में सेना की मौजूदगी कम है, वहां क्या आधुनिक तकनीकों से निगरानी नहीं की जा सकती थी?
सवाल 9: घाटी में पर्यटन को टारगेट करना क्या नया पैटर्न है?
क्या आतंकियों की मंशा अब सीधे तौर पर पर्यटन और अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने की है? इससे पहले भी कुछ ऐसी घटनाएं देखने को मिली थीं।
सवाल 10: सरकार और सुरक्षा बल आगे की रणनीति क्या बना रहे हैं?
क्या इस हमले के बाद घाटी में नए सिरे से सुरक्षा नीति पर काम होगा? और क्या पर्यटकों का विश्वास दोबारा बहाल हो पाएगा?