ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना की घातक स्ट्राइक से दहला पाकिस्तान, POK के 9 आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद कुल 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर पूरी तरह तबाह कर दिया। यह सैन्य कार्रवाई इतनी सुनियोजित और प्रभावशाली थी कि पाकिस्तान के भीतर डर और घबराहट साफ नजर आने लगी है। हालांकि पाकिस्तानी सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया में धीरे-धीरे यह स्वीकार किया जा रहा है कि यह हमला न केवल सटीक था, बल्कि उसके प्रभाव से सेना और प्रशासन दोनों हिल गए हैं। रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि इन हमलों में आतंकियों को भारी नुकसान हुआ है और कई ठिकाने पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं। भारतीय रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन हाल के आतंकी प्रयासों के जवाब में किया गया था, और इसका उद्देश्य सीमापार छिपे आतंकी संगठनों को कड़ा संदेश देना था कि भारत अब किसी भी उकसावे का जवाब चुपचाप नहीं देगा।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में हड़कंप, पहलगाम हमले का बदला लेने में भारत का सटीक हमला
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसका उद्देश्य 22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक का बदला लेना था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई आम नागरिक और पर्यटक शामिल थे, और जम्मू कश्मीर के एक स्थानीय नायक सैयद आदिल हुसैन शाह भी थे, जिन्होंने पर्यटकों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। भारत की इस स्ट्राइक ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बयान में यह स्वीकार किया कि यदि भारत ऑपरेशन सिंदूर को रोकता है, तो पाकिस्तान किसी भी सैन्य कार्रवाई से बचने का प्रयास करेगा। इस बयान से यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान के अंदर डर और असमंजस की स्थिति है। पाकिस्तान के भीतर सरकार और सेना दोनों में अफरा-तफरी मच गई है, और पाकिस्तानी मीडिया में भी यह हमले को “बहुत सटीक और भयावह” बताया जा रहा है। सिर्फ यही नहीं, पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति को लेकर असुरक्षा का माहौल है, जिसके कारण पूरे देश में स्कूल और कॉलेज तक बंद कर दिए गए हैं। आतंकी संगठनों में भी बुरी तरह खलबली मच गई है, क्योंकि भारत का यह ऑपरेशन उनकी गतिविधियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। यह ऑपरेशन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में हुआ, और यह भारत के शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर ने यह संदेश दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को पूरी ताकत से लागू करेगा और किसी भी उकसावे का कड़ा जवाब देगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाया
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर इन्हें पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान के विभिन्न महत्वपूर्ण इलाकों, जैसे बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट, कोटली और मुज़फ्फराबाद, में आतंकी ठिकाने तबाह किए गए। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में कुल 24 मिसाइलें दागी और अत्याधुनिक प्रेसिजन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया, जिससे ठिकानों को सटीक और असरदार तरीके से निशाना बनाया गया। जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के कई बड़े कमांडर मारे गए हैं, और खासतौर पर बहावलपुर में अकेले करीब 30 आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। यह ऑपरेशन न सिर्फ पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ एक सटीक जवाब था, बल्कि भारत की सामरिक ताकत और आतंकवाद से लड़ने की रणनीति को भी मजबूती से उजागर करता है।
क्या पाकिस्तान करेगा पलटवार? रक्षा विशेषज्ञों की राय
ऑपरेशन सिंदूर एक संयुक्त सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान के संभावित पलटवार को लेकर विभिन्न रक्षा विशेषज्ञों ने अपनी राय व्यक्त की है।
ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त गोविंद सिसोदिया का मानना है कि फिलहाल पाकिस्तान की ओर से कोई बड़ा पलटवार होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता भी है, तो वह सिर्फ प्रतीकात्मक होगी, ताकि वहां की जनता को यह दिखाया जा सके कि पाकिस्तान ने कुछ किया है। गोविंद सिसोदिया ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान की वर्तमान सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह भारत से युद्ध के लिए तैयार नहीं है। उनके अनुसार, पाकिस्तान के पास न तो पर्याप्त सैन्य संसाधन हैं, न ही कूटनीतिक समर्थन, और न ही आर्थिक मजबूती, जो उसे भारत से सीधी भिड़ंत के लिए सक्षम बना सके। इस प्रकार, विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सीमित और असंभावित होगी, और वह बड़ी सैन्य कार्रवाई से बचने की कोशिश करेगा।