ऑपरेशन सिंदूर: जानिए भारत के इस करारा जवाब की पूरी कहानी – POK में दहशत, भारत ने लिया पहलगाम हमले का बदला
पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने अपने शहीदों और महिलाओं के सिंदूर का बदला ले लिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 6 और 7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर जोरदार कार्रवाई की।
इस ऑपरेशन का निशाना वे ही ठिकाने बने, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक, भारत ने मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर और शकरगढ़ जैसे इलाकों में मौजूद आतंकी अड्डों को ड्रोन और मिसाइल हमलों से ध्वस्त कर दिया।
इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के नेटवर्क से जुड़े कई महत्वपूर्ण ठिकाने भी शामिल थे।
भारतीय सेना ने स्पष्ट संदेश दे दिया है – अब आतंक का हर सिर कुचला जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह देश की अस्मिता और सुरक्षा के लिए लिया गया निर्णायक कदम भी था।
इस ऑपरेशन से जुड़े कुछ अहम बिंदु:
- हमला रातों-रात, पूरी गोपनीयता में किया गया
- आधुनिक ड्रोन और सटीक मिसाइलों का इस्तेमाल
- नौ से अधिक आतंकी ठिकाने पूरी तरह तबाह
- पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया यह एक प्रतीकात्मक और रणनीतिक कदम था
इस साहसिक ऑपरेशन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत अब किसी भी हमले को बिना जवाब नहीं छोड़ेगा।
ऑपरेशन सिंदूर: क्यों जरूरी थी यह जवाबी कार्रवाई और भारत ने कहां-कहां किया हमला?
क्यों जरूरी थी यह जवाबी कार्रवाई?
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में आतंकियों ने न सिर्फ निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया, बल्कि धर्म पूछकर उनकी हत्या की। हमले में 25 भारतीय पर्यटक और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी।
इस नृशंस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त शब्दों में चेतावनी दी थी कि इसका जवाब ज़रूर दिया जाएगा। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने सेना के तीनों प्रमुखों, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि जवाब किस तरह दिया जाएगा और कब दिया जाएगा, इसका निर्णय पूरी तरह सेना के विवेक पर छोड़ दिया गया है।
इस बैठक के बाद साफ हो गया था कि भारत चुप नहीं बैठेगा और जल्द ही निर्णायक कदम उठाया जाएगा।
भारत ने कहां-कहां की कार्रवाई?
ऑपरेशन सिंदूर के तहत 6 और 7 मई की रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
यह हमले उन्हीं जगहों पर किए गए, जहां से बार-बार भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियां संचालित की जा रही थीं। जिन स्थानों पर कार्रवाई हुई, उनमें प्रमुख हैं:
- मुजफ्फराबाद
- बहावलपुर
- मुरीदके
- सियालकोट
- कोटली
- बाघ
- गुलपुर
- भिंबेर
- शकरगढ़
इन इलाकों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को ड्रोन स्ट्राइक और सटीक मिसाइल हमलों के जरिए तबाह किया गया।
भारत की इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब कोई भी आतंकी हमला बिना जवाब के नहीं रहेगा – और यह जवाब पहले से कहीं अधिक सटीक और घातक होगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का आतंक पर निर्णायक प्रहार – जानिए इस ऑपरेशन की हर अहम बात
भारत ने कैसे दिया करारा जवाब?
ऑपरेशन सिंदूर एक सुनियोजित और बेहद सटीक सैन्य कार्रवाई थी, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई 2025 की रात को अंजाम दिया। इसका मकसद था – 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना, जिसमें 25 भारतीय पर्यटक और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी।
इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइलों और ड्रोन के ज़रिए निशाना बनाया। इस दौरान खास ध्यान रखा गया कि कोई पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना इस कार्रवाई की जद में न आए – भारत ने सिर्फ आतंक के ढांचों को ही लक्ष्य बनाया।
कौन-कौन सी सेनाएं थीं शामिल?
यह एक संयुक्त ऑपरेशन था जिसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों की भागीदारी रही। अत्याधुनिक प्रिसिशन स्ट्राइक वेपन्स (सटीक मारक हथियार), लॉयटरिंग म्यूनिशन (घातक ड्रोन), और खुफिया जानकारी के आधार पर हमले को भारतीय ज़मीन से ही अंजाम दिया गया। लक्ष्य की जानकारी खुफिया एजेंसियों ने पहले ही जुटा ली थी।
इस ऑपरेशन का खुलासा कैसे हुआ?
सेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन (ADGPI) के आधिकारिक एक्स (X) हैंडल पर रात 1:28 बजे एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा था:
“प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः” – यानी “हमले के लिए तैयार, विजय के लिए प्रशिक्षित।”
इसके बाद 1:51 बजे दूसरा पोस्ट आया जिसमें ऑपरेशन सिंदूर का लोगो और संदेश था –
“इंसाफ पूरा हुआ, जय हिंद!”
कुछ देर बाद सरकार के पीआईबी द्वारा पुष्टि की गई कि विस्तृत जानकारी ब्रीफिंग के जरिए दी जाएगी।
कहां-कहां हुए हमले?
भारत ने जिन प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया, वे आतंकवाद के बड़े केंद्र माने जाते हैं:
- बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ट्रेनिंग कैंप
- मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय, हाफिज सईद का गढ़
- सियालकोट, कोटली, भिंबेर, मुजफ्फराबाद: आतंकी ठिकानों का नेटवर्क
सूत्रों के अनुसार, मिसाइलें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मदरसे और हाफिज सईद के बेस पर दागी गईं। मसूद अजहर को 1999 में IC-814 अपहरण मामले में छोड़ा गया था। बहावलपुर लंबे समय से उसका ऑपरेटिंग बेस रहा है। लश्कर और जैश दोनों भारत में कई बड़े हमलों में शामिल रहे हैं – संसद हमला (2001), पठानकोट (2016), पुलवामा (2019) और मुंबई (2008) प्रमुख हैं।
ध्वस्त किए गए ठिकानों की सूची:
- मरकज सुभान अल्लाह – बहावलपुर
- मरकज तैयबा – मुरीदके
- सरजाल, तेहरा कलां – बहावलपुर
- महमूना जोया सुविधा – सियालकोट
- मरकज अहले हदीस बरनाला – भीमबेर
- मरकज अब्बास – कोटली
- मस्कर राहील शाहिद – कोटली
- शावई नाला कैम – मुजफ्फराबाद
- मरकज सैयदना बिलाल – मुजफ्फराबाद
पाकिस्तान की क्या प्रतिक्रिया रही?
पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस बयान में भारत की स्ट्राइक की पुष्टि की। उन्होंने बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद पर हमलों की बात स्वीकार की और जवाब देने की धमकी दी।
बाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी हमले की पुष्टि की। पाक मीडिया में स्थानीय नागरिकों ने बताया कि मसूद अजहर का मदरसा पूरी तरह तबाह हो चुका है।
ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” क्यों?
22 अप्रैल के हमले में आतंकियों ने महिलाओं से उनके पतियों को उनके सामने मार दिया था – कई महिलाओं की नई-नई शादी हुई थी। उनके सिंदूर उजड़ गए थे। भारत ने इन्हीं पीड़ित महिलाओं के सम्मान और आतंक के खिलाफ निर्णायक संदेश के तौर पर इस जवाबी कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या हुआ?
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीज़फायर का उल्लंघन बढ़ा दिया है। पुंछ, राजौरी और कुपवाड़ा में गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं। भारत ने भी जवाबी तैयारी में सीमा पर एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है।
वैश्विक प्रतिक्रिया कैसी रही?
- संयुक्त राष्ट्र: दोनों देशों से संयम बरतने की अपील
- अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले को “शर्मनाक” बताया और कहा कि भारत की प्रतिक्रिया को लेकर उन्हें जानकारी मिल चुकी है
- कूटनीतिक प्रयास: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, सऊदी अरब और यूएई के समकक्षों से बात की और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर भारत का अब तक का एक सटीक, सधा हुआ और नैतिक दृष्टि से स्पष्ट सैन्य जवाब था। यह सिर्फ एक जवाब नहीं, बल्कि एक संदेश है – आतंक का कोई भी चेहरा अब बचकर नहीं जा सकेगा।
