भगवती जोशी
डबोक. भारत, पाकिस्तान को जब अपने घुटनों के नीचे दबाए हुए था तब 8 मई की दोपहर में मैं पहुंची ग्राम पंचायत नांदवेल के राजस्व गांव मकाता और जाटों का खेड़ा में. यह दोनों गांव नांदवेल चौराहे से थोड़ी ही दूर नांदवेल खेमली सड़क पर हैं.
पिछले दिनों मैं ग्राम पंचायत खेमली में एक मिटीग में गई थी. उस मीटिंग में अलग-अलग गांव से महिला आई हुई थी. उन महिलाओं से मैंने उनकी समस्याएं पूछी कि आपके गांव में कोई समस्या तो नहीं है. तो उन महिलाओं ने मेरे नंबर लिए और मुझे बताया कि मैडम हमारे गांव में पानी की समस्या बहुत है। मैं भी उनके नंबर लिए और मैंने उनको बोला कि मैं जब भी आपके गांव की तरफ आऊंगी तो जरूर आपको फ़ोन करूंगी.
फोन पुरुष ने उठाया तो महिलाओं के द्वारा नंबर दिया गया था उसे पर मैंने फोन लगाया. फोन किसी मर्द ने उठाया. मैंने कहा कि मैं नांदेवेल की तरफ आई हुई हूं। तो उन मैडम से बात कर दो तो उन्होंने मेरे से सवाल जवाब शुरू कर दिया.क्या काम है क्यों आ रहे हो फिर मैंने उनको बताया कि वह मुझे खेमली पंचायत में मिले थे तो पानी की समस्या के बारे में बताया उसके बारे में मिलना चाह रही हूं। मैंने उनको समझाया, उसके बाद में उनकी दुकान पर गई । इन दोनों मौसम खराब हो रहा है…बारिश हो रही है । फिर भी मेने सोचा की एक महिला ने पानी की समस्या बताई ही हे तो में मिल आती हू पता नहीं में फिर कब आऊंगी. इसलिए में वहा पहुंच गई महिलाओं से मिलने के लिए.
पुरुष बताने लगा समस्या
पुरुष समस्या बताने लगे पानी की तो मैंने कहा कि मुझे महिलाओं से ही बात करनी है फिर उन्होंने आसपास के घरों की महिलाओं को बुलाया.वहां से हम पानी की टंकी के पास गए जहां पर मैंने देखा की पानी ओवरफ्लो हो रहा था टंकी से फिर मैंने वहा पर महिलाओं से बात करी मैंने महिलाओं से पानी की समस्या के बारे में पूछा
पानी होते हुए भी सप्लायी नही
फिर सारी महिलाओं ने समस्या बताई कि पानी होते हुए भी हमें पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दिया जाता है. 15 से 10 मिनट पानी आता है जिसमें दो-तीन मटके भरते हैं. और चार-पांच दिन बाद नल आता है ऐसी स्थिति में नहाने कपड़े धोना पीने का पानी कहां से भरपाई होगी।
100 रू देती हैं हर महीने
महिलाओं ने कहा कि पैसे देते हुए भी हमारे घरों में पानी नहीं आता है। जब उसकी मर्जी होगी तब नल खोल देगा. पानी देने वाला कोई समय फिक्स नहीं है जब उसकी मर्जी पड़ती है तब पानी दे देता है कभी सुबह तो कभी शाम को कभी दिन में ऐसी स्थिति में कई खेतों में गए हुए हो तो उस दिन हम पानी नहीं भर पाते हैं । पीने के पानी की बहुत बड़ी समस्या है । मैंने महिला से पूछा पानी के अलावा और क्या समस्या है.
फिर महिलाओं ने और भी समस्या बताइए जिसमें गांव में नालियां बनी हुई नहीं थी बारिश का जब पानी गिरता है आने जाने में भी बहुत दिक्कत आती है । परंतु उन्होंने यह कहा था पानी की समस्या सबसे बड़ी समस्या है हमारे यहां पर. इस दौरान वहां कुछ बच्चियाँ भी थी।
जिन्होंने भी पानी की समस्या बताइए। कि मुझे बहुत सी बार खेत से सिर पर पानी लाना पड़ता है।
मैंने महिलाओं से यह जाना की पानी की बहुत बड़ी समस्या है सरकार की हर घर नल योजना तो खूब चल रही है। परंतु कहीं जगह पर अभी भी पानी की बहुत समस्या है यहां पर तो अलग ही समस्या थी पानी होते हुए भी पानी की सप्लाई नहीं मिल पाती है किसी घर में नल का कनेक्शन ही नहीं है।
पानी पर परत जमती है
महिलाओं से मैंने पूछा की बर्तनों पर पानी जमता तो नहीं है फ्लोराइड की मात्रा तो नहीं है पानी के ऊपर परत तो नहीं आ जाती है उन्होंने बताया कि बहुत मोटी परत आती है पानी के ऊपर।
सरपंच साहब सुनते ही नहीं
मैंने सभी महिलाओं की समस्या सुन ली उसके बाद मैंने पूछा कि आपने इसके बारे में पंचायत में बताया कि नहीं बताया. तो महिला बोली की कितनी बार सरपंच साहब को बोला पर वह तो ध्यान ही नहीं देते हैं। मुझे तो काफी तकलीफ हुई महिलाओं की समस्या सुनकर पानी होते हुए भी पानी नहीं मिल पाता है। जिसने महिलाएं हर महीने ₹100 पानी सप्लाई करने वाले को देती है और उसकी उनको कोई रसीद भी नहीं मिलती है। ऐसी स्थिति में पंचायत कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। इसका असर पड़ता है महिलाओं को पड़ता है। क्यों की घरों मैं तो महिलाओं को ही रहना पड़ता है ऐसी गर्मी में पानी की भी ज्यादा आवश्यकता होती है। अभी तो गर्मी की छुट्टियां लगने वाली है बच्चे घर में रहेंगे और पानी की खपत ज्यादा होगी ऐसी स्थिति में महिलाएं कहां से पानी लाएगी। महिलाओं को घर के और भी तो काम करने पड़ते हैं। इतनी दूर से पानी लेने जाए फिर घर का काम छोटे-छोटे बच्चों को संभालना । सब कैसे कर पाती है। मेरा तो बस इतना ही कहना है पंचायत इसमें कोई कार्रवाई करें। और महिलाओं को इस समस्या से मुक्त कराये, क्योंकि पानी होते हुए भी पानी की सप्लाई नहीं मिल पाना यह और बड़ी समस्या है। या तो जो पानी सप्लाई कर रहा है उसे बदले या उससे पानी समय पर देने के लिए प्रबंध करें.