Thursday, September 11, 2025
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सेब से लेकर पर्यटन और अब मार्बल तक… तुर्किये को पाकिस्तान से दोस्ती निभाना क्यों पड़ रहा है महंगा? जानिए पूरी कहानी

तुर्किये को पाकिस्तान से दोस्ती निभाना पड़ रहा है महंगा!

अब उदयपुर के संगमरमर कारोबारियों ने तुर्किये से मार्बल खरीदना बंद करने का फैसला किया है। इससे पहले पुणे के व्यापारियों ने भी तुर्किये से सेब का आयात रोकने का ऐलान किया था।

व्यापारियों का कहना है — “अगर तुर्किये से व्यापार बंद किया जाए, तो भारतीय मार्बल की मांग और मज़बूत होगी।”

🔸 भारत में इस्तेमाल होने वाले मार्बल का 70% हिस्सा तुर्किये से आता है।
🔸 अब उदयपुर के व्यापारियों ने तुर्किये से मार्बल खरीदना किया बंद।

पाकिस्तान को ड्रोन भेजकर उसकी सहायता करने वाले तुर्किये को अब कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है। उदयपुर के संगमरमर कारोबारियों ने तुर्किये से मार्बल का आयात बंद करने का निर्णय लिया है। इससे पहले पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब का आयात न करने का ऐलान किया था।

अब, उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने भी तुर्किये के साथ मार्बल व्यापार को समाप्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, ‘उदयपुर एशिया का सबसे बड़ा मार्बल निर्यातक है। कमेटी के सभी सदस्यों ने तुर्किये के साथ व्यापार बंद करने पर एकजुट होकर सहमति व्यक्त की है, क्योंकि तुर्किये पाकिस्तान का समर्थन करता है। भारत में आयात होने वाला 70% मार्बल तुर्किये से आता है।

हमने तुर्किये के साथ व्यापार बंद करने का निर्णय क्यों लिया?

उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने कहा, “सिर्फ उदयपुर ही नहीं, अगर पूरे देश की मार्बल इंडस्ट्री तुर्किये से व्यापार बंद कर दे, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश होगा—कि भारत सरकार अकेली नहीं है। देश की इंडस्ट्री और आम नागरिक भी उसके साथ खड़े हैं। तुर्किये के साथ व्यापार खत्म होने से भारतीय मार्बल की मांग में स्वाभाविक रूप से इजाफा होगा।”

सेब के बहिष्कार से शुरू हुई यह मुहिम

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। ऐसे वक्त में तुर्किये ने पाकिस्तान के समर्थन में खुलकर बयान दिए, जिससे भारतीयों में गहरा आक्रोश फैल गया।

इसी गुस्से के चलते पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब का आयात बंद करने का फैसला किया। अब ये सेब बाजार से लगभग गायब हैं और अन्य देशों से आयात किया जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किये से हर साल लगभग 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये के सेब भारत आते थे।

पर्यटकों ने भी जताया विरोध

तुर्किये और अजरबैजान के पाकिस्तान के समर्थन में आने के बाद भारतीय पर्यटकों ने इन देशों का बहिष्कार शुरू कर दिया है। बड़ी ट्रैवल एजेंसियां जैसे ईंजॉयमॉय ट्रिप और काक्स एंड किंग्स ने दोनों देशों के टूर पैकेज फिलहाल के लिए बंद कर दिए हैं।

ऐसा ही कुछ पहले मालदीव के साथ भी देखने को मिला था, जब वहां की सरकार ने भारत विरोधी बयान दिए थे। बड़ी संख्या में भारतीयों ने मालदीव जाना बंद कर दिया, जिससे वहां की टूरिज्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की तस्वीरें साझा कर वहां घूमने की अपील की थी, जिसका लोगों ने बड़े पैमाने पर समर्थन किया।

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