पश्चिम बंगाल के निवासी और बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ आखिरकार भारत लौट आए हैं। वे गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान के क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के चलते उनकी वापसी को लेकर गंभीर चिंता का माहौल बन गया था।
हालांकि तमाम तनाव के बीच पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया और वह अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत लौट आए। उनकी सुरक्षित वापसी पर परिजन और स्थानीय लोग बेहद भावुक नजर आए, वहीं देशवासियों ने इसे भारत की कूटनीतिक ताकत और सैनिकों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
20 दिन बाद पाकिस्तान ने किया रिहा, अटारी बॉर्डर से लौटे भारत
कोलकाता: पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए गए बीएसएफ कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। उन्हें बुधवार को वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत वापस भेजा गया। करीब 20 दिन पहले, 23 अप्रैल को, वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था।
यह घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद हुई थी, जिससे हालात और संवेदनशील हो गए थे। तब से जवान की कोई खबर न मिलने पर परिजन खासकर उनकी गर्भवती पत्नी बेहद चिंतित थीं और उनकी वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रही थीं। पूर्णम की सुरक्षित वापसी पर पूरे गांव और देश में खुशी का माहौल है, जिसे लोगों ने भारत की कूटनीतिक जीत बताया।
पहलगाम हमले के अगले दिन सीमा पार कर गए थे पूर्णम, पत्नी ने नहीं मानी हार
23 अप्रैल को, जब देश पहलगाम आतंकी हमले के सदमे में था, उसी दिन पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए। 40 वर्षीय जवान को तुरंत पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया।
उधर, जैसे ही यह खबर उनकी पत्नी रजनी को मिली, वह घबरा गईं। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा इलाके में रहने वाली रजनी ने हार नहीं मानी। वह तुरंत वाघा-अटारी बॉर्डर पहुंचीं और हर स्तर पर अपने पति की सुरक्षित वापसी की मांग उठाई। उनके साहस और प्रयासों ने देश का ध्यान इस मामले पर केंद्रित किया, जिसके बाद पूर्णम की रिहाई संभव हो सकी।
अटारी बॉर्डर पर उम्मीद लेकर पहुंचीं पत्नी, अब कहा- “यही है नया भारत”
गर्भवती रजनी जब अटारी बॉर्डर पर पहुंचीं, तो अधिकारियों ने उन्हें पूर्णम कुमार के सुरक्षित होने का भरोसा दिलाया और वापस लौटने की सलाह दी। उन्हें बताया गया कि बीएसएफ लगातार प्रयास कर रही है और जल्द ही पूर्णम भारत लौटेंगे। लेकिन इस बीच ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव ने रजनी की चिंता और बढ़ा दी थी।
पति की वापसी पर बोलीं रजनी – “अब भरोसा और मजबूत हो गया”
रजनी ने कहा, “जब हम फिरोजपुर पहुंचे तो बीएसएफ के सीनियर अधिकारियों ने हमें पूरा भरोसा दिलाया कि मेरे पति सुरक्षित हैं। उन्होंने मुझे धैर्य रखने को कहा और मैंने पूरे 20 दिन उम्मीद नहीं छोड़ी। अब जब वो लौट आए हैं, तो मुझे भारतीय सेना और केंद्र सरकार पर गर्व है।”
पूर्णम के अटारी बॉर्डर से भारत लौटते ही पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ हो रही है। बॉर्डर पर ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज उठे। लोगों ने कहा, “यह नया भारत है, जो अपने हर जवान को वापस लाने की ताकत रखता है।