बिहार के प्रमुख व्यापार संगठनों ने तुर्किये और अजरबैजान के उत्पादों और यात्राओं के बहिष्कार का निर्णय लिया है।
व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान के सहयोगी इन देशों से आने वाले फलों—जैसे सेब, संतरा और नाशपाती—का अब आयात नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, अजरबैजान की यात्रा न करने की भी अपील की गई है। व्यापार संगठनों ने चीन, तुर्किये और अजरबैजान के उत्पादों और पर्यटन का पूर्ण बहिष्कार करने की सिफारिश की है।
1. तुर्किये से आने वाले सेब, संतरा, नाशपाती और बाबूगोशा के आयात पर रोक का निर्णय व्यापारिक संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। 2. केमिस्ट एसोसिएशन समेत कई व्यापारिक संगठनों ने अजरबैजान की यात्राओं का बहिष्कार करने का भी ऐलान किया। |
Boycott Turke
पाकिस्तान के मंसूबों में सहयोगी भूमिका निभा रहे तुर्किये और अजरबैजान को लेकर राज्य के प्रमुख व्यवसायिक संगठनों ने बड़ा फैसला लिया है। अब इन दोनों देशों से जुड़ी यात्राओं और वस्तुओं के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की गई है।
तुर्किये से आने वाले फलों पर भी रोक
पटना के प्रमुख फल व्यापारियों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है। तुर्किये से आयातित सेब, संतरा, नाशपाती और बाबूगोशा अब बाजार में नहीं दिखेंगे। पटना फ्रूट एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद ने कहा, “जो देश भारत का नहीं, वह व्यापार में भी हमारे साथ नहीं। इसके साथ ही व्यवसायियों से अजरबैजान की यात्राओं से दूरी बनाने की अपील की गई है। राज्य के बाजार अब इन देशों से आने वाले उत्पादों से खाली रहेंगे।
रसायनिक उत्पादों पर भी असर, यात्राओं का बहिष्कार जारी
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप चौरसिया ने बताया कि तुर्किये और अजरबैजान से कुछ रसायनिक सामग्रियों का व्यापार होता है, लेकिन अब इन देशों से आयात घटाने की सख्त सलाह सभी व्यापारियों को दी गई है। उन्होंने बताया कि अजरबैजान की यात्राएं पहले होती थीं, लेकिन अब इन पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की गई है।
व्यापार ही नहीं, पर्यटन का भी बहिष्कार जरूरी
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के कोषाध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू ने कहा कि देशभर के व्यापारियों से चीन, तुर्किये और अजरबैजान की यात्राओं और उनके उत्पादों से पूरी तरह दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया गया है।
बीआईए ने जारी की एडवाइजरी
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) के अध्यक्ष केपीएस केसरी ने कहा कि पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों को आर्थिक जवाब देना ज़रूरी है। उन्होंने व्यापारियों और आम लोगों से अपील की है कि वे इन देशों की यात्राएं न करें और उनके उत्पादों का उपयोग बंद करें।
स्थानीय विकल्पों को अपनाने की सलाह
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सुभाष पटवारी ने बताया कि तुर्किये से प्लास्टिक, डेकोरेशन आइटम्स, फाइबर, चूना और सीमेंट जैसी सामग्रियां आती हैं, जबकि अजरबैजान से तेल और इत्र। उन्होंने आम उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि ‘मेड इन इंडिया’ या अन्य मित्र देशों के उत्पादों को प्राथमिकता दें।