भगवती जोशी
फतेहनगर.आज मैं आई हूं राजस्थान के एक ऐसे गांव में जहां पानी ने महिलाओं का जीना दुश्वार कर दिया है. घर से निकलते ही घुटनों पानी मैं चलने को मजबूर महिलाओं के सामने दिक्कत यह रहती है कि वह अपनी लोक लाज घुंघट से संभाले या घाघरे से. मैं भगवती जोशी बात कर रही हूँ वासनी पंचायत के राजस्व गांव लदाना की. जिसकी विकास को लेकर किस्मत ही फूटी हुई है. गांव मे पहुंचने का जो रास्ता है वो भी इतना खराब है की दुपैया वाहनधारी चलाते समय तो दो- चार बार दिन में गिर ही जाते हे. गांव की सड़क, जो कभी सुंदर और सुरक्षित हुआ करती थी, अब बारिश के पानी से भर गई है. महिलाओं को इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। उन्हें अपने घूंघट को संभालने के साथ- साथ घाघरे को घुटनों तक ऊंचा करना पड़ता है. मैं बात कर रही हू वासनी पंचायत के राजस्व गांव लदाना की जिस की विकास को लेकर किस्मत ही फूटी हुई है गांव मे पहुंचने का जो रास्ता है वो भी इतना खराब है की दुपैया वाहन चलाते समय तो दो चार बार दिन में गिर ही जाते हे ।
बच्चियों के साथ गलत और अपहरण हुआ तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा
मीना जाट ने बताया कि जो आम रास्ता है हमारे आने जाने का ग्लास फैक्ट्री से लगाकर लगाकर गांव में आने तक का वह भी पूरा खराब है। यह जो में गांव के बीच पानी भरा है जिससे घरों में भी पानी चला जाता है। बच्चों को स्कूल भेजने में भी दिक्कत आती है बच्चे स्कूल जा रहे हैं जंगल वाले रास्ते से जाते हैं दूसरा रास्ता जाता है उसे तो ऐसे में अगर कोई घटना हो जाती है की लड़कियों के साथ कोई भी रेप हो सकता है बच्चों को किडनैप करके ले जा सकता है। कुछ भी हादसा हो सकता है तो उसका जिम्मेदार कौन है वह मेरे से जवाब मांग रही थी की मैडम आप ही बताओ की इन सब का जिम्मेदार कौन है पानी के बीच में अगर जा रहे हैं और छोटे बच्चे हैं उनको पता नहीं चलता है सांप वगैरा घूम रहे हैं इस पानी में तो किसी बच्चे को सांप काट ले तो उसका जिम्मेदार कौन है । इस पानी के कारण कई तरह के मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं और कई तरह की बीमारियां फैल हो रही है ।उनकी बातों से मुझे लग रहा था की उनको बहुत दर्द हो रहा था वह तो यह कह रही थी कि यदि सरकार के पास पैसा नहीं है पंचायत के बजट में पैसा नहीं है तो वह हमें मना कर दे कि हम यह काम नहीं करवा सकते हैं ताकि हम सब महिलाएं पैसा इकट्ठा करके इसको सही करवा ले क्योंकि कहते-कहते 3 साल हो गए कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
वोट मांगने सब आ जाते हैं काम नहीं हुआ तो इस बार वोट भी नहीं देंगे
वोट मांगने के टाइम पर सबके सब आ जाएंगे अब हमारी समस्या को सुनने वाला कौन है हमने कई बार प्रयास किया इसके लिए पर हमारे तरफ किसी का ध्यान नहीं है यहां तक की मावली एसडीम खुद यहां है देखे गए हैं फिर भी उन्होंने भी कुछ नहीं करवाया तो ऐसी क्या समस्या हो रही है जो हमारा इतना छोटा सा काम है वह नहीं करवा रहा है। का वह पंचायत से जवाब मांग रही है सरकार से जवाब मांग रही कि उनको संतुष्ट जनक जवाब मिले बता रही थी हम 30 महिलाएं पंचायत में ताला लगाने भी गई ऐसी तपती धूप में पर हमारी मदद करने वाला कोई नेता किसी पुरुष ने यह नहीं कहा कि आप पैदल जा रहे हो तो हम आपके लिए कोई गाड़ी की सुविधा करवाने किसी को भी दया नहीं आई और हम ऐसी तपती धूप में पैदल जो कि यहां से 5 किलोमीटर दूर है वहां पर हम गए पंचायत में अपनी समस्या बताई वहां से लोग आए देख के भी करवा देंगे पर हमें वहां से कोई संतुष्ट जनक जवाब नहीं मिला और मुझे नहीं पता कि पंचायत से कोई काम हो पाएगा क्योंकि यह 3 साल से हम कह रहे हैं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है तो अब मुझे पंचायत से कोई उम्मीद नहीं की काम करवाएंगे। अगर यह काम नहीं होता है तो हमारे यहां वोट लेने आने की भी जरूरत नहीं है । हम एक भी महिलाएं वोट नहीं देगी ।

मंदिर जाने के लिए नई साड़ी पहन कर आई नई नवेली दुल्हन भी पानी में छपाक
वहां पर जब मैं महिलाओं से बात कर रही थी वीडियो बना रहे थे तभी सुंदर नहीं दुल्हन नए कपड़े पहने हुए आ रही थी सर पर पल्लू ले रखा था और इतनी सुंदर तैयार हुई हुई थी लेकिन उसके इस झील मे से आने के लिए अपने कपड़ों को ऊपर लेना पड़ा और वहां पर काफी पुरुष भी थे वह हंस रहे थे, उसपर महिलाएं भी हंस रही थी। क्या करूं मजबूरी थी उसको भी आना था वह मंदिर जा रही थी सज धज के तैयार होकर पर सब उसकी हंसी उड़ा रहे थे।

मनसा महादेव व्रत में क्या होगा
महिलाएं बता रही थी कि थोड़े दिनों बाद हमारे मनसा महादेव जी के व्रत आएंगे जिसमें बहुत नियम रखना पड़ता है कि अगर एक बार लघु शौच कर ले तो उनको वापस लाना पड़ता है कि उसमें पवित्रता का बहुत ध्यान रखना पड़ता है परंतु महिलाएं कह रही है कि कैसे हम अपनी पवित्रता का ध्यान रख पाएंगे कि यहां तो कीचड़ में होकर पूजा के लिए जाना पड़ेगा अब हम मंदिर जाए पूजा की थाली संभाले की सर का पल्लू संभालने या अपने कपड़ों को संभाले हम क्या क्या संभाले

बारातियों के सामने भी बेज्जती महसूस हुई, गांव का नाम खराब हुआ
अभी कुछ दिनों पहले गांव में एक बारात आई थी तो वहां पर काफी लोग आए थे तो इस झील को खाली करने के लिए मोटर चला कर पानी को खाली किया गया ताकि लोगों को समस्या ना हो काफी लोग आए थे. उन्होंने कहा कि तुम्हारे गांव में ध्यान नहीं देता है पंचायत की तरह से क्या इस तरह से पानी भरा हुआ है शादी वाले घर कोई बहुत दिक्कत आई ऐसे गांव में अगर कोई अपनी बेटी के लिए रिश्ता करने आए तो भी वह एक बार सोचेगा की इस गांव में कैसे रिश्ता करें।

खाटू श्याम जी मन्दिर जाना हुआ मुहाल
लदाना में खाटू श्याम जी का बहुत ही सुंदर बड़ा मंदिर बना हुआ है वहां पर काफी श्रद्धालु आते हैं। और इस गांव के लोग भी पैदल जाते हैंl यह आम रास्ता है जो बहुत खराब है बड़े-बड़े खड्डे पड़े हुए हैं मंदिर का में मार्ग होने के बाद भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहाl काफी लोग आते हैं पर इस पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है। कोई इस पर बोल नहीं चाहता है कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता हैl फतेह नगर-मावली आसपास के गांव से काफी श्रद्धालु पैदल भी आते हैं पर ऐसा कोई नहीं आया कि इस पर सरकार से प्रयास करें पंचायत से प्रयास करें कोई बोले कोई किसी को लेना देना नहीं है सब आते हैं दर्शन करके चले जाते हैं किसी को कोई परवाह नहीं है। इतने बड़े मंदिर का मार्ग होते हुवे भी कोई ध्यान नहीं देता है।
महिलाएं घूंघट सभाले या घाघरे को यहां मैने 24मई 2025 शनिवार को महिलाओं से बात की. महिलाओं के दर्द को जाना समझा की वो किस तरह अपनी इजत को बचा रही अपने घूंघट को संभाल रही हैं । जहां राजस्थान में महिलाओं से घूंघट निकलाया जाता हैं आज उन्हीं महिलाओं को इस पानी और कीचड़ मे से होकर अपने घाघरे, पेटीकोट साड़ी ऊपर कर जाना पड़ रहा है.ऐसे में कहाँ गई इन महिलाओं की इज़्ज़त, कहाँ गए वो लोग जो महिलाओं को इतना लंबा घूंघट निकलवाते हैं.

हल्की बारिश से आम रास्ता बना तालाब
गांव लदाना मे वार्ड नंबर 3 मे पानी की निकासी नही होने पर स्कूल के रास्ते पानी भरा हुआ है जिससे स्कूल के बच्चे व गांव के लोग परेशान है। गांव के बीच में जो आम रास्ता है उसमें बारिश की वजह से इतना पानी भर जाता है की आने जाने में काफी समस्या होती हैं। आए दिन महिलाएं पानी में गिर जाती है । कितनी महिलाए पानी में गिर गई है उनके किसी के सिर में चोट आई है तो किसी के पाव में घरों भी पानी घुस रहा ही है पानी के भरा रहने के कारण अब इस में साप भी रहने लग गए है ।
बुजुर्ग महिला पुरुषों को काफी समस्या आती है इसमें आने जाने से क्योंकि लोगों के खेतों में जाने का रास्ता मंदिर जाने का रास्ता स्कूल जाने का रास्ता में रास्ता यही है जिसमें बच्चों को काफी दिक्कत होती है स्कूल जाते वक्त उनके कपड़े कीचड़ में बढ़ जाते हैं पूरे दिन गीले कपड़ों में बैठे रहना पड़ता है। जूते किताबें कपड़े सब पानी में गीले हो जाते हैं इससे बच्चों को स्वास्थ्य को लेकर भी काफी परेशान है पानी भरने के कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं जिससे और भी बीमारियां होने का खतरा हमेशा बना रहता है।गांव लदाना की समस्या बहुत गंभीर है। बारिश के पानी से भरी सड़कें और कीचड़ महिलाओं और बच्चों के लिए बहुत मुश्किलें पैदा कर रही हैं। महिलाओं को अपने घूंघट और कपड़ों को संभालने में परेशानी हो रही है, और बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत हो रही है।
यह समस्या न केवल शारीरिक परेशानी का कारण बन रही है, बल्कि मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। बच्चों के कपड़े और किताबें गीले हो रहे हैं, और स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस समस्या का समाधान करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। सड़कों की मरम्मत और पानी की निकासी की व्यवस्था करना आवश्यक है।
महिलाओं की इज्जत और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपने घूंघट और कपड़ों को संभालने में परेशानी नहीं होनी चाहिए
महिलाओं के दर्द की कहानी:
गांव की महिलाएं अपने दैनिक जीवन में कई परेशानियों का सामना करती हैं। सड़कों की खराब स्थिति और पानी की निकासी की कमी के कारण उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने में परेशानी होती है।
महिलाएं अपने घूंघट और कपड़ों को संभालने में परेशानी का सामना करती हैं। उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी परेशानी होती है, क्योंकि सड़कें खराब होने के कारण बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होती है।
महिलाओं को अपने घरों में भी परेशानी होती है, क्योंकि पानी की निकासी न होने के कारण घरों में पानी भर जाता है। इससे उनके घरों की स्थिति खराब हो जाती है और उन्हें अपने परिवार के स्वास्थ्य की चिंता होती है।
बुजुर्ग महिला का दर्द
मुझे इनका दर्द सुनने के लिए फिर से विडियो लेना पडा कमलाबाई की बातें सुनकर दिल दहल जाता है। वह अपने दर्द को बयां करते हुए कहती हैं कि प्रशासन से अगर काम नहीं हो रहा है तो बच्चों के स्कूल भेजने के लिए हवाई जहाज भिजवा दें ताकि बच्चे स्कूल जा सकें। उनकी यह बातें दर्शाती हैं कि वे अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर कितनी चिंतित हैं।
कमलाबाई ने बताया कि वह कल भी पानी में गिर गई थीं और उनका एक पाव काम नहीं करता है। उनकी यह बातें सुनकर यह समझ आता है कि वे अपने जीवन में कितनी मुश्किलों का सामना कर रही हैं।
उनकी बातों से यह भी पता चलता है कि वे अपने समुदाय की महिलाओं के समर्थन के लिए आभारी हैं। उन्होंने बताया कि जब वह पानी में गिर गई थीं तो महिलाओं ने उन्हें उठाया और उनकी मदद की। कमलाबाई की कहानी उन तमाम महिलाओं की कहानी है जो अपने जीवन में मुश्किलों का सामना कर रही हैं। उनकी बातें सुनकर यह समझ आता है कि प्रशासन और समाज को उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए क्या करना चाहिए। महिलाएं अपनी परेशानियों को लेकर प्रशासन और पंचायत से गुहार लगाती हैं, लेकिन उनकी बातों को अनदेखा किया जाता है। इससे महिलाओं में आक्रोश और निराशा बढ़ती है, और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर होती हैं। महिलाओं की परेशानियों को सुनने और समझने की जरूरत है, ताकि उनके लिए समाधान निकाला जा सके और उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सके।
महिलाएं तपती धूप में पहुंची पंचायत को ताला लगाने
23 मई 2025 शुक्रवार की दोपहर 12:00 बजे महिला पहुंची पंचायत ताला लगाने के लिए जहां पर उन्होंने अपने गांव की समस्या जो पानी भरा है उसके बारे में बताया. यह समस्या 3 साल से हो रही है फिर भी पंचायत इस पर कोई काम नहीं कर रही है. यह भी बजट नहीं है. काम नहीं हो रहा है. बजट आएगा जब कर देंगे.
महिलाओं का कहना है कि वे अपनी समस्या के बारे में कई बार बता चुकी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं कि बजट आने पर काम किया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
महिलाओं की एकजुटता और संघर्ष को देखकर लगता है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और पंचायत उनकी मांगों को सुनते हैं और समस्या का समाधान करते हैं या नहीं।