पंचकूला: कर्ज में डूबे परिवार ने कार में खाकर ज़हर, 7 लोगों की सामूहिक आत्महत्या
पंचकूला के सेक्टर 27 में एक कार के अंदर एक ही परिवार के 7 सदस्यों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। सभी ने आर्थिक तंगी और कर्ज से तंग आकर ज़हर खा लिया।
मनीमाजरा के श्मशान घाट में एक साथ सात चिताएं जलाई गईं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली थी।
पंचकूला आत्महत्या मामला: कर्ज में डूबे परिवार का दुखद अंत, एक साथ जलीं सात चिताएं
पंचकूला। आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक परिवार की कहानी मंगलवार को दर्दनाक मोड़ पर खत्म हो गई। सेक्टर-27 में खड़ी एक कार से एक ही परिवार के 7 सदस्यों के शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। तीन मासूम बच्चों समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक सदस्य ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ा।
मंगलवार दोपहर मनीमाजरा के श्मशान घाट में जब एक साथ सात चिताएं जलीं, तो हर आंख नम थी और हर चेहरा गमगीन। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है।
पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान प्रवीण मित्तल (41), उनकी पत्नी रीना गुप्ता (35), मां बिमला देवी, बेटा हार्दिक (14), बेटियां ध्रुविका (9) और डैलिसा के रूप में हुई है। सभी सेक्टर-27 में देहरादून नंबर प्लेट वाली कार में मृत पाए गए।
आखिरी बातचीत का खुलासा
स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने बताया कि सोमवार रात करीब 10 बजे वह टहल रहे थे, तभी उन्होंने सड़क किनारे खड़ी कार को देखा। एक दरवाजे से तौलिया लटकता देख शक हुआ। जब उन्होंने कार खोली तो अंदर बैठे व्यक्ति ने बताया कि वे बागेश्वर धाम के कार्यक्रम से लौटे हैं और होटल में जगह न मिलने पर कार में ही रात गुजार रहे हैं।
इस बातचीत के कुछ ही घंटों बाद, उसी कार से एक साथ सात शव मिलने की खबर ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया।
पंचकूला सामूहिक आत्महत्या मामला: “सिर्फ 5 मिनट बाकी हैं मेरी मौत में” – राहगीर से बोले आखिरी जीवित सदस्य
पंचकूला। सेक्टर-27 में कार के भीतर एक ही परिवार के 7 सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या के मामले में नए और झकझोर देने वाले खुलासे सामने आए हैं। एक राहगीर, जिसने कार में अंतिम जीवित व्यक्ति से बातचीत की थी, ने बताया कि जब उसने टॉर्च से कार की खिड़की में झांका, तो अंदर छह लोग बेसुध पड़े थे, और उल्टियों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। सातवां व्यक्ति सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहा था।
राहगीर ने जब उससे पूछा कि क्या कुछ गलत हुआ है, तो उस व्यक्ति ने कांपती आवाज़ में कहा, “मेरे पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली है, और मैं भी बस 5 मिनट में मरने वाला हूं।” इसके बाद वह व्यक्ति बेहोश हो गया।
उसने बताया कि उस पर बैंकों का बहुत बड़ा कर्ज है। रिश्तेदारों के पास पैसे हैं, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन एंबुलेंस आने में करीब 40 मिनट लग गए।
पुलिस ने माना आत्महत्या का मामला
पंचकूला की डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने बताया कि शुरुआती जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। सातों शवों को दो अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया था। जांच में जहर सेवन की पुष्टि हुई है।
हर पहलू से जांच जारी
डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने कहा कि पुलिस घटनास्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और मृतक के बैंक लेनदेन व सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है।
परिवार की आर्थिक तंगी की लंबी कहानी
प्रवीण मित्तल के ससुर राकेश ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना तड़के 4 बजे पिंजौर में पुलिस से मिली। उन्होंने कहा कि प्रवीण की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी और वे टैक्सी चलाकर खर्च चला रहे थे। चचेरे भाई संदीप अग्रवाल ने बताया कि मित्तल ने मरने से पहले एक नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था कि उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अग्रवाल लें और ससुर पर कोई कार्रवाई न की जाए।
अग्रवाल ने यह भी खुलासा किया कि एक समय पर प्रवीण मित्तल पर लगभग 15-20 करोड़ रुपये का कर्ज था। वे कुछ सालों तक देहरादून में रहे, फिर खरड़, पिंजौर और आखिर में पंचकूला के सकेतड़ी क्षेत्र में रहने लगे।
कार भी उधार की थी
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि जिस कार में शव मिले, वह देहरादून निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत थी। नेगी ने बताया कि वे प्रवीण मित्तल को तब से जानते थे जब वह ‘वाइल्डलाइफ केयर मिशन’ नामक एक NGO में काम करते थे।
इस पूरे मामले की जांच के लिए पांच पुलिस टीमें गठित की गई हैं, जिनमें से कुछ को देहरादून और पिंजौर भेजा गया है।