किस्त न मिलने पर बैंक अधिकारी प्रवीन पर लगातार दबाव बना रहे थे। बताया जा रहा है कि एक बैंक कर्मचारी तो प्रवीन के ससुराल, पिंजौर की हिमशिखा कॉलोनी तक पहुंच गया था। पुलिस अब अपनी जांच में उस बैंक अधिकारी को भी शामिल कर सकती है।
पंचकूला पारिवारिक आत्महत्या केस: प्रवीन पर कर्ज और दबाव की परतें खुलीं
पंचकूला के सेक्टर-27 में एक ही परिवार के सात लोगों की सामूहिक आत्महत्या की गुत्थी और जटिल होती जा रही है। इस मामले में नया खुलासा यह हुआ है कि प्रवीन मित्तल के नाम दो फ्लैट — एक पंचकूला के सेक्टर-19 और दूसरा बलटाना इलाके में — दर्ज थे। व्यापार में घाटे के चलते उसने इन दोनों फ्लैटों को बद्दी स्थित एक बैंक में गिरवी रखकर करीब एक करोड़ रुपये का लोन लिया था, जबकि इनकी बाज़ार कीमत करीब 70 लाख रुपये बताई जा रही है।
बैंक अधिकारियों का दबाव
लोन की किस्तें समय पर न चुकाने पर बैंक अधिकारियों ने प्रवीन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इतना ही नहीं, एक बैंक अधिकारी तो प्रवीन के ससुराल, पिंजौर की हिमशिखा कॉलोनी तक पहुंच गया था। पुलिस अब अपनी जांच में उस अधिकारी को भी शामिल करने की तैयारी में है।
फाइनांसरों से भी था कर्ज का बोझ
केवल बैंक ही नहीं, देहरादून में फाइनांसर भी लगातार प्रवीन से पैसे वापसी का दबाव बना रहे थे। इस दबाव ने परिवार को मानसिक रूप से तोड़ दिया था। कर्जदारों से बचने के लिए प्रवीन अपने परिवार के साथ कभी पिंजौर, कभी खरड़, तो कभी पंचकूला में छुपकर रह रहा था।
पारिवारिक और आर्थिक संघर्ष
प्रवीन के ससुर राकेश गुप्ता ने बताया कि देहरादून में कन्फेक्शनरी का व्यवसाय शुरू करने के लिए उन्होंने प्रवीन को पांच लाख रुपये दिए थे, लेकिन उसका कोई हिसाब नहीं मिला। जब प्रवीन खरड़ में किराये के मकान में रह रहा था, तो राकेश हर माह 12 हजार रुपये किराया भी भेजते थे। बाद में आर्थिक संकट के चलते प्रवीन सपरिवार सकेतड़ी स्थित दो कमरों के छोटे से मकान में रहने चला गया, लेकिन वहां भी वे 25 दिन से अधिक नहीं टिक सके।
राकेश ने यह भी बताया कि प्रवीन का परिवार उनसे करीब 10 साल तक संपर्क में नहीं था। महज तीन महीने पहले ही उनका दोबारा संपर्क हुआ था।
जहर से हुई मौत – आधे घंटे में असर
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, परिवार ने आत्महत्या के लिए किसी तरल ज़हर का सेवन किया था। डॉक्टरों का कहना है कि यह ज़हर 15 से 20 मिनट में असर दिखाने लगता है और आधे से एक घंटे के भीतर मौत हो जाती है। परिवार ने यह ज़हर शाम सात बजे के बाद लिया था।
घटना का विवरण
यह दर्दनाक घटना 26 मई की रात की है, जब प्रवीन मित्तल (42), उनकी पत्नी रीना (38), माता विमला (71), पिता देशराज (72), जुड़वां बेटियां ध्रुविका और डलिशा (11), और बेटा हार्दिक (14) — सभी ने आत्महत्या कर ली।
भतीजे ने उठाए सवाल
प्रवीन के भतीजे अंकित मित्तल का कहना है कि चाचा पर पहले भी कर्ज था, लेकिन उन्होंने कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को चाचा पूरे परिवार के साथ एक शादी में दिल्ली आए थे, और बिल्कुल सामान्य और खुश नजर आ रहे थे। 10 मई को हुई बातचीत में भी कुछ अजीब नहीं लगा।
साली का आरोप – मदद के बाद भी नहीं उबर पाए
प्रवीन की साली राखी गुप्ता ने बताया कि परिवार लगातार उनकी मदद करता रहा, लेकिन वे घाटे से उबर नहीं पाए। आखिरकार उन्होंने पूरे परिवार की हत्या कर खुद भी आत्महत्या कर ली।
पुलिस जांच में जुटी – फाइनांसरों का डेटा खंगाल रही टीम
डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने बताया कि प्रवीन के मोबाइल की जांच की जा रही है। कॉल रिकॉर्ड्स से फाइनांसरों की जानकारी जुटाई जा रही है, और जिन-जिन लोगों से उसकी बातचीत हुई, उनसे पूछताछ भी की जाएगी। पुलिस इस केस के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच को आगे बढ़ा रही है