ईरान पर इज़रायल के हमले की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। इस सटीक और व्यापक हमले में ईरान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है — उसका प्रमुख परमाणु केंद्र ‘नतांज’ लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया है, और कई शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इस हमले में इज़रायल ने ड्रोन, फाइटर जेट और सटीक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। खास बात यह रही कि ईरान किसी भी स्तर पर इस हमले का प्रभावी जवाब नहीं दे सका।
इसी संदर्भ में प्रसिद्ध भारतीय कूटनीति विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने मोदी सरकार को इस ऑपरेशन से रणनीतिक सबक लेने की सलाह दी है।
ब्रह्मा चेलानी ने क्या कहा?
चेलानी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“हवाई युद्ध के पहले सिद्धांत के अनुसार, इज़रायल के प्रारंभिक हमलों ने ईरान की हवाई सुरक्षा प्रणाली और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चरों को निष्क्रिय कर दिया, जिससे ईरान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता खत्म हो गई और गहराई तक हमले संभव हो पाए।”
उन्होंने आगे लिखा:“दुर्भाग्यवश, भारत के राजनीतिक नेतृत्व ने इस बुनियादी सिद्धांत की अनदेखी की और शुरुआती चरण में सशस्त्र बलों को केवल पाकिस्तान के आतंकी शिविरों को निशाना बनाने का निर्देश दिया। इसी सीमित दृष्टिकोण के चलते भारत को कुछ लड़ाकू विमान भी गंवाने पड़े।”
चेलानी का मानना है कि इज़रायल की तरह रणनीतिक आक्रामकता और लक्ष्यविहीनता से बचकर भारत को अपनी सैन्य नीति को अधिक प्रभावी बनाना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्या हुआ था?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद कम से कम 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए।
हालांकि, कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया कि इन हमलों के दौरान भारत को भी नुकसान झेलना पड़ा। पाकिस्तान ने बिना किसी पुख्ता सबूत के दावा किया कि उसने कई भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिनमें राफेल जेट भी शामिल था। भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया, लेकिन यह स्वीकार किया कि कार्रवाई के दौरान कुछ नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान को मिला करारा जवाब
भारत ने इससे पहले, 7 अक्टूबर को हुए हमले का भी करारा जवाब दिया था। पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों को सैकड़ों ड्रोनों से निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उनकी अधिकांश मिसाइलों और ड्रोनों को बीच में ही मार गिराया।
इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर हमले किए और उन्हें नष्ट कर दिया। इनमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था, जिसे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का कमांड सेंटर माना जाता है। इसके अलावा, भारत ने केराना हिल्स में स्थित एक गुप्त परमाणु फैसिलिटी को भी निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान को भारी रणनीतिक नुकसान पहुंचा।
इस पूरी कार्रवाई ने भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक सोच का स्पष्ट प्रदर्शन किया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भी प्रभावशाली और निर्णायक तरीके से काम किया जा सकता था — जैसा कि इज़रायल ने ईरान के खिलाफ किया।