Thursday, September 11, 2025
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चाहे मेरी सांसद की कुर्सी चली जाए…” — चंद्रशेखर ने तोड़ी चुप्पी, बृजभूषण को दी खुली चुनौती, महिला आयोग पर भी साधा निशाना

Rohini Ghavari Case: नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने रोहिणी घावरी के आरोपों पर तोड़ी चुप्पी, कहा — “इमाम हुसैन ने कर्बला में बेटों की कुर्बानी दी लेकिन समझौता नहीं किया, मैं भी पीछे नहीं हटूंगा.

बिजनौर: आजाद समाज पार्टी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने खुद पर लगे शोषण के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। रोहिणी घावरी द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच चंद्रशेखर ने मंच से खुलकर अपनी बात रखी और कहा कि वह सच्चाई के रास्ते पर हैं और किसी भी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। चंद्रशेखर ने पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और महिला आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा, “कोई महिला आयोग की सदस्य कहती हैं कि जब तक मेरी सांसदी नहीं जाएगी, वह चैन से नहीं बैठेंगी। लेकिन संसद में एक अकेले चंद्रशेखर की आवाज सब पर भारी पड़ती है। मुझे अपनी सदस्यता की कोई चिंता नहीं—अगर कल की बजाय आज ही जाए, तब भी स्वाभिमान से समझौता नहीं करूंगा।”

उन्होंने आगे कहा, “इमाम हुसैन ने कर्बला की जंग में अपने बेटों तक की कुर्बानी दी लेकिन सच्चाई से पीछे नहीं हटे। आज वह लोगों के दिलों में जिंदा हैं, जबकि यजीद को दुनिया भुला चुकी है। मैं भी जमीन पर काम करने वाला इंसान हूं। 2027 में सबको सच्चाई दिखाई देगी.

क्या बोले थे बृजभूषण शरण सिंह?
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कुछ दिन पहले बयान देते हुए कहा था कि जब महिला पहलवानों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए, तो उन्होंने न्यायपालिका का सामना किया और कानूनी लड़ाई लड़कर खुद को बेगुनाह साबित किया। उन्होंने कहा, “तब चंद्रशेखर मुझे खींचकर ले जाने की बातें कर रहे थे। लेकिन अब जब एक दलित परिवार की बेटी ने चंद्रशेखर पर आरोप लगाए हैं, तो सारे बड़े नेता चुप क्यों हैं?”

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर यह मामला किसी दूसरे समुदाय की लड़की से जुड़ा होता, तो अब तक देशभर में तूफान मच चुका होता। लेकिन क्योंकि वह एक ऐसे समाज से आती है जिसे पहले से दबा-कुचला माना जाता है, इसलिए चुप्पी साध ली गई है। सरकार को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।”

कौन हैं डॉ. रोहिणी घावरी और क्या हैं उनके आरोप?
डॉ. रोहिणी घावरी एक पीएचडी स्कॉलर हैं। वे 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विटजरलैंड गई थीं और उन्हें एक करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली थी। वर्तमान में वे स्विटजरलैंड में ही नौकरी कर रही हैं और दलित मुद्दों पर काम करने वाला एक एनजीओ भी चला रही हैं।

रोहिणी का दावा है कि एनजीओ के काम के दौरान उनकी मुलाकात भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद से हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने अपने शादीशुदा होने की जानकारी उनसे छिपाई और उनके साथ भावनात्मक और मानसिक शोषण किया। रोहिणी का यह भी कहना है कि कई अन्य लड़कियों ने भी उनसे संपर्क किया है, जो खुद को चंद्रशेखर की कथित हरकतों का शिकार बता रही हैं। रोहिणी ने मांग की है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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