UP Illegal Conversion Racket: मुंबई के सिंधी परिवार से ताल्लुक रखने वाली नीतू ने 2015 में दुबई में अपने पति नवीन रोहरा और बेटी समाले के साथ इस्लाम धर्म अपना लिया। धर्म परिवर्तन के बाद नीतू का नाम बदलकर नसरीन, नवीन का नाम जमालुद्दीन और बेटी का नाम सबीहा रखा गया.
1. छांगुर बाबा की साथी नीतू उर्फ नसरीन का धर्मांतरण भारत में नहीं, बल्कि दुबई के एक इस्लामिक सेंटर में दर्ज किया गया था। 2. नीतू और उसके परिवार ने वहीं आधिकारिक रूप से इस्लाम कबूल किया था। 3. हालांकि, जांच एजेंसियों का कहना है कि जिस समय धर्मांतरण की यह प्रक्रिया दिखाई गई, उस वक्त नीतू खुद दुबई गई ही नहीं थी। |
बलरामपुर। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के मामले में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा की ‘गर्लफ्रेंड’ नीतू उर्फ नसरीन का धर्मांतरण भारत में नहीं, बल्कि 16 नवंबर 2015 को दुबई के अल फारूक उमर बिन खताब सेंटर में हुआ था। यह जानकारी रैकेट के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की तरफ इशारा करती है, जिसके चलते खुफिया एजेंसियों ने जांच की दिशा बदल दी है।
यूपी एटीएस द्वारा लखनऊ से गिरफ्तार छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू की पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। मूल रूप से मुंबई के सिंधी परिवार की रहने वाली नीतू ने अपने पति नवीन रोहरा और बेटी समाले के साथ दुबई में इस्लाम कबूल किया था। धर्म परिवर्तन के बाद नीतू का नाम नसरीन, नवीन का नाम जमालुद्दीन और बेटी का नाम सबीहा रखा गया। सूत्रों के मुताबिक, यह प्रक्रिया दुबई सरकार के इस्लामिक अफेयर एंड चैरिटेबल एक्टिविटी डिपार्टमेंट से प्रमाणित थी।
चौंकाने वाली बात यह है कि जांच में शक जताया गया है कि धर्मांतरण के समय नीतू और नवीन शायद दुबई में थे ही नहीं। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि कहीं यह धर्मांतरण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तो नहीं कराया गया? इस खुलासे ने रैकेट के विदेशी नेटवर्क पर गंभीर संदेह खड़े कर दिए हैं।
कोठी पर बुलडोजर और बरामद सामान
बलरामपुर के मधुपुर गांव में स्थित छांगुर बाबा की आलीशान कोठी पर मंगलवार से बुलडोजर कार्रवाई शुरू हुई, जो बुधवार को भी चली। यह कोठी ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी और नीतू के नाम दर्ज थी। तलाशी में बेडरूम से शक्तिवर्धक दवाइयां, विदेशी तेल, शैंपू, साबुन, फ्लोर क्लीनर और अस्वी बुटीक की बिल बुक बरामद हुईं, जो उनकी लग्जरी लाइफस्टाइल और संदिग्ध धंधों की ओर इशारा करती हैं।
विदेशी फंडिंग का जाल
एटीएस की जांच में सामने आया कि यह पूरा रैकेट विदेशी फंडिंग से चलता था, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ। नीतू के आठ बैंक खातों में फरवरी से जून 2021 के बीच 13.90 करोड़ रुपये, जबकि नवीन के खातों में 16.22 करोड़ रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले। छांगुर की संस्थाओं अस्वी इंटरप्राइजेज और अस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में भी मोटी रकम जमा की गई।
कैसे खुला पूरा मामला
छांगुर बाबा का गैंग सिर्फ धर्मांतरण ही नहीं, बल्कि प्रॉपर्टी का कारोबार भी करता था। पुणे के लोनावला में 16 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी खरीदी गई थी। यह मामला सबसे पहले विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने उठाया था। उन्होंने गोंडा जाकर जलालुद्दीन के घर की पड़ताल की और फिर फाइनेंशियल दस्तावेजों के साथ यूपी के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद एटीएस की जांच में पूरा नेटवर्क उजागर हुआ।