एयर इंडिया विमान हादसे में फ्यूल कंट्रोल स्विच की भूमिका पर शक गहराया है।
2018 में FAA ने 737 जेट्स में इस स्विच से जुड़ी समस्या की चेतावनी दी थी, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई.
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दर्दनाक हादसे में कुल 260 लोगों की मौत हुई, जबकि विमान में सवार 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया। शनिवार को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे की मुख्य वजह दोनों इंजनों का ईंधन कट ऑफ होना पाई गई है।
हालांकि अभी तक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमान के ऑपरेटरों के खिलाफ कोई कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है।
आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में और क्या-क्या खुलासे हुए हैं…
ईंधन कट ऑफ पर पायलटों के बीच हुई थी बातचीत
रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से मिली बातचीत का भी जिक्र है। हादसे के वक्त पायलट सुमित सभरवाल ने को-पायलट क्लाइव कुंदर से हैरानी जताते हुए पूछा – “तुमने इंजन का फ्यूल क्यों बंद किया?”
इस पर को-पायलट कुंदर ने जवाब दिया – “मैंने नहीं किया।”
यह बातचीत दिखाती है कि इंजन का फ्यूल कट ऑफ अचानक हुआ, जो शायद तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ हो सकता है।
180 नॉट्स की रफ्तार पर बंद हुए विमान के दोनों इंजन
AAIB की 15 पन्नों की रिपोर्ट में सामने आया है कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन अचानक अपने-आप बंद हो गए, जिससे हादसा हो गया।

जैसे ही विमान ने 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड हासिल की, इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच, जो सामान्यत: ‘RUN’ पोज़िशन में रहते हैं, अचानक ‘CUT OFF’ पर चले गए। ये सब कुछ सिर्फ 1 सेकेंड के अंतराल में हुआ। ईंधन बंद होते ही दोनों इंजनों की N1 और N2 स्पीड तेजी से गिरने लगी, जिससे विमान का कंट्रोल खो गया।
हादसे से ठीक पहले एक इंजन दोबारा चालू हुआ था
रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों ने इंजन को दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश की। इस दौरान इंजन 1 फिर से चालू हो गया, लेकिन इंजन 2 स्टार्ट नहीं हो सका। इसके बाद विमान का संतुलन बिगड़ा और वह मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया। पूरी उड़ान के दौरान विमान सिर्फ 32 सेकंड तक ही हवा में रह पाया।
थ्रस्ट लीवर टेकऑफ पोजिशन पर ही रहे
रिपोर्ट में मिली तस्वीरों से पता चला कि फ्लैप सेटिंग 5 डिग्री और गियर नीचे की ओर थे, जो उड़ान भरने के लिए सामान्य स्थिति है। ईएएफआर (Extended Airframe Flight Recorder) डेटा से भी साफ हुआ कि टक्कर के वक्त तक थ्रस्ट लीवर आगे की ओर यानी टेकऑफ थ्रस्ट पोजिशन में ही बने रहे। वहीं, दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच रन पोजिशन में थे और रिवर्सर लीवर मुड़े हुए थे, लेकिन स्टोव्ड पोजिशन (नीचे की ओर) में ही थे।
टेकऑफ के तुरंत बाद सक्रिय हो गई थी रैम एयर टर्बाइन
टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद सीसीटीवी में दिखा कि इमरजेंसी पावर सप्लाई सिस्टम – रैम एयर टर्बाइन (RAT) भी चालू हो गया था। यह छोटी प्रोपेलर जैसी डिवाइस होती है, जो हवा की गति से घूमकर बिजली और हाइड्रॉलिक पावर पैदा करती है। RAT तभी सक्रिय होती है जब विमान के दोनों इंजन बंद हो जाएं या मेन पावर कट हो जाए।
विमान से नहीं टकराया कोई पक्षी
रिपोर्ट में पक्षी टकराने (बर्ड हिट) की संभावना को पूरी तरह नकारा गया है। ईंधन की जांच में भी कोई खराबी नहीं पाई गई।
625 फीट की ऊंचाई से गिरा था विमान
रिपोर्ट के मुताबिक, विमान ने 12 जून दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो टेकऑफ के तुरंत बाद था।
आपात कॉल और रेस्क्यू
08:09:05 बजे पायलट ने ‘मेडे-मेडे’ कॉल भेजी, जिस पर ATC ने जवाब दिया लेकिन पायलट का कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। इसके बाद इमरजेंसी टीम को तुरंत अलर्ट किया गया।
08:14:44 बजे एयरपोर्ट से फायर टेंडर मौके के लिए रवाना किया गया।