चंद्रिका के चाचा, शिवराम चौधरी, ने कई कॉलेजों का दौरा कर देखा कि लड़के और लड़कियां साथ पढ़ते हैं। इसके बाद उन्होंने चंद्रिका के पिता को सलाह दी कि उसे पढ़ाई के लिए बाहर न भेजें, क्योंकि उन्हें डर था कि वह प्रेम संबंधों में पड़ सकती है।
गुजरात के बनासकांठा में 18 वर्षीय नीट टॉपर लड़की की हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना के पीछे उसके अपने पिता और चाचा थे। दोनों को डर था कि अगर लड़की घर से बाहर पढ़ाई करने जाएगी, तो किसी लड़के से प्रेम में पड़कर शादी कर सकती है। लड़की ने नीट में 478 अंक हासिल किए थे और उसका एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन भी पक्का हो गया था, लेकिन इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी गई। मृतक की पिता और चाचा पसंद की शादी को अपने परिवार की बदनामी समझते थे।
चंद्रिका के चाचा, शिवराम चौधरी, ने कई कॉलेजों का निरीक्षण किया और देखा कि लड़के और लड़कियां साथ पढ़ते हैं। इसके बाद उन्होंने चंद्रिका के पिता को सलाह दी कि उसे पढ़ाई के लिए बाहर न भेजें, क्योंकि उन्हें डर था कि वह प्रेम संबंधों में पड़ सकती है। इसके बाद परिवार ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया, उसे सोशल मीडिया से दूर रखा और घर के कामों तक ही सीमित कर दिया। इसी दौरान, परिवार को चंद्रिका और 23 वर्षीय हरीश चौधरी के बीच संबंध का पता चला।
FIR के अनुसार, 24 जून को चंद्रिका के पिता के कहने पर उसके चाचा शिवराम ने उसके दूध में नशीला पदार्थ मिला दिया, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे घर के स्टोर रूम में ले जाकर दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। परिवार ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की। उन्होंने कुछ गांव वालों से कहा कि चंद्रिका को दिल का दौरा पड़ा था, जबकि कुछ को बताया कि उसने खुदकुशी की है, और सभी से सच्चाई छिपाने का अनुरोध किया।
हत्या से पहले, चंद्रिका के साथी हरीश ने उसके लापता होने और संदिग्ध परिस्थितियों के कारण गुजरात हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus petition) दायर की थी। दुख की बात है कि अदालत में सुनवाई से कुछ दिन पहले ही चंद्रिका की हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में पता चला कि यह हत्या सुनियोजित थी और इसे 25 जून को अंजाम दिया गया। बनासकांठा पुलिस ने मुख्य आरोपी, चाचा शिवराम को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चंद्रिका का पिता अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।