Thursday, September 11, 2025
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अलास्का से जीत के साथ रूस लौटे पुतिन, ट्रंप को मिली केवल निराशा; अब अगला फोन किसे करेंगे?

नतीजा स्पष्ट है। अलास्का में हुई इस ऐतिहासिक मुलाकात में पुतिन ने पूरी जीत दर्ज की। 1867 में आर्थिक तंगी के चलते रूस ने अलास्का अमेरिका को बेच दिया था, लेकिन 2025 में भू-राजनीतिक मुकाबले में पुतिन अलास्का से विजयी लौटे।

दुनिया की नजरें अलास्का में हुई बहुप्रतीक्षित बैठक पर टिकी थीं, और अब इसके नतीजे सामने आ गए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कहा कि यूक्रेन पर हमला जारी रहेगा, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोई ठोस समझौता कराने में सफल नहीं हो पाए। बैठक की शुरुआत गर्मजोशी भरे स्वागत के साथ हुई, जहां पुतिन और ट्रंप एक ही बुलेटप्रूफ लिमोजिन में बैठे, मुस्कुराए और हाथ मिलाते दिखे। लेकिन इस सौहार्द ने बैठक के परिणामों पर कोई असर नहीं डाला।

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि रूस का उद्देश्य युद्ध के मूल कारणों को समाप्त करना है, यानी नाटो की सीमा पर उसकी मौजूदगी। इस बयान से साफ हो गया कि फिलहाल युद्ध का अंत संभव नहीं है। पुतिन ने यह भी कहा कि अगली बैठक मॉस्को में होनी चाहिए, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं।

ट्रंप लगातार संवाद और मीडिया से बातचीत में रुचि दिखाते रहे। लेकिन इस बार उन्होंने सिर्फ साढ़े तीन मिनट बोले और एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने केवल कहा कि वह नाटो और जेलेंस्की को बैठक के बारे में सूचित करने के लिए कुछ फोन कॉल करेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे बेहद कमजोर परिणाम माना जा रहा है।

बैठक में रूस की ओर से शीर्ष आर्थिक सलाहकार भी शामिल थे। हार्वर्ड से प्रशिक्षित किरील दिमित्रिएव समेत कई प्रतिनिधियों की मौजूदगी इस बात को दर्शाती है कि रूस ने इस शिखर वार्ता को व्यापारिक अवसर के रूप में भी देखा।

यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन के लिए यह राहत की बात रही कि बैठक में यूक्रेन की सीमाओं को बदलने पर कोई चर्चा नहीं हुई। हालांकि, पुतिन का युद्ध के मूल कारणों को खत्म करने वाला बयान यह संकेत देता है कि संघर्ष लंबा चल सकता है।

किसके खाते में जीत?

ट्रंप के लिए जीत तब होती यदि वह तत्काल युद्धविराम करवा पाते। पुतिन के लिए जीत यही थी कि वे अस्पष्ट शब्दों में आगे की बातचीत पर सहमति जताएं और युद्ध जारी रख सकें।

नतीजा स्पष्ट है। अलास्का में हुई इस ऐतिहासिक भेंट में पुतिन ने पूरी सफलता हासिल की। 1867 में पैसों की तंगी के कारण रूस ने अलास्का अमेरिका को बेचा था, लेकिन 2025 में भू-राजनीतिक संघर्ष में पुतिन अलास्का से विजयी लौटे।

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