डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को सख्त चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अमेरिका के पास ऐसे विकल्प मौजूद हैं, जिन्हें अपनाने पर चीन की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में आ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने रेयर अर्थ को लेकर भी कड़ा संदेश दिया
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि बीजिंग को अमेरिका से टकराने से बचना चाहिए। उनका दावा है कि वॉशिंगटन के पास ऐसे “अविश्वसनीय कार्ड” मौजूद हैं, जिन्हें अगर इस्तेमाल किया जाए तो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो सकती है।
सोमवार को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ व्यापार विवाद में अमेरिका की स्थिति कहीं ज्यादा मजबूत है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह बीजिंग की यात्रा कर सकते हैं।
चीन को बर्बाद करने की धमकी
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अमेरिका चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। उन्होंने कहा, “चीन के पास कुछ कार्ड हैं, लेकिन हमारे पास अविश्वसनीय कार्ड हैं। मैं उन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहता। अगर मैं ऐसा करता हूं तो चीन बर्बाद हो जाएगा।
ट्रंप का नया बयान: चीन पर फिर कड़ा रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि हाल ही में उनकी बातचीत चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई है और वह बीजिंग की यात्रा पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, “शायद इस साल या अगले साल की शुरुआत में हम चीन जाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि शी जिनपिंग ने उन्हें आधिकारिक तौर पर चीन आने का निमंत्रण दिया है।
ट्रंप की यह टिप्पणी उस समय आई है जब वॉशिंगटन और बीजिंग ने अपने व्यापार युद्धविराम को 90 दिनों के लिए आगे बढ़ाया है। दोनों देशों ने 12 अगस्त को समझौता किया था, ताकि वार्ताकारों को सहमति तक पहुंचने के लिए अधिक समय मिल सके। पिछले एक साल से जारी टैरिफ युद्ध में कई बार अमेरिकी प्रशासन ने चीनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाए हैं। अप्रैल में यह 145% तक पहुंच गया था और वर्तमान में अधिकांश चीनी आयात पर 30% टैरिफ लागू है।
चीन पर 200% टैरिफ की धमकी
इस बीच, ट्रंप ने चीन की रेयर अर्थ पॉलिसी को लेकर नया बयान दिया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर बीजिंग अमेरिका को चुंबक की आपूर्ति जारी नहीं रखता, तो “हमें उन पर 200% या इससे भी अधिक टैरिफ लगाना पड़ेगा।”
गौरतलब है कि चीन ने अमेरिकी टैरिफ का जवाब देते हुए अप्रैल में रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर निर्यात प्रतिबंध कड़े कर दिए थे। इसी बीच, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी चीन पर दबाव बढ़ाते हुए कहा कि बीजिंग का ईरान और रूस से तेल खरीदना एक बड़ा विवाद है। उन्होंने साफ किया कि अमेरिका चाहता है कि चीन निर्यात पर निर्भरता कम करे और वैश्विक व्यापार में एक खुला आयातक बने।
अमेरिका ने यह भी संकेत दिया है कि उसका मकसद दुनिया के प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में चीन की भूमिका को कम करना है।