यूपी के कुशीनगर में कम उम्र की लड़कियों का घर से भागना चिंता का विषय
कुशीनगर जिले में कम उम्र की लड़कियां घर छोड़कर जा रही हैं। सिर्फ सितंबर महीने में ही 164 लड़कियों के गायब होने की शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 133 को पुलिस ने विभिन्न राज्यों से ढूंढ कर उनके परिवारों को सौंपा। जांच में सामने आया कि अधिकांश लड़कियां परिचित युवकों के साथ चली गई थीं। एक खास मामले में, एक युवती ने अपनी सगाई वाले दिन ही प्रेमी के साथ घर छोड़ दिया।
प्रद्युम्न कुमार शुक्ल, कुशीनगर: “अच्छे-बुरे का भेद न समझ पाने वाली कम उम्र की लड़कियां बहकावे में आकर गलत कदम उठा रही हैं। कई बार रिश्तों की अवधि और गहराई परिवार के अनुभव से अधिक महत्वपूर्ण साबित हो रही है। यही वजह है कि जिले में रोजाना लगभग 8-10 लड़कियां बिना बताए अपने घर से दूर चली जा रही हैं। इनमें किशोरियां ही नहीं, बल्कि युवा लड़कियां भी शामिल हैं। आंकड़े यही दर्शाते हैं।”
सितंबर में जिले के विभिन्न थानों में 13 से 25 वर्ष की आयु की 164 लड़कियों के घर से चले जाने की शिकायतें मिलीं। पुलिस ने मुकदमे दर्ज कर गायब लड़कियों की तलाश शुरू की। इनमें से 133 लड़कियों को हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार जैसे राज्यों से पकड़ा गया और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उनके परिवारों को सौंपा गया। बाकी लड़कियां आज भी उन युवकों के साथ हैं जिनके साथ वह चली गई थीं।
जांच में यह भी पता चला कि अधिकांश लड़कियां पहले से ही परिचित युवकों के संपर्क में थीं। कुछ का परिचय मात्र तीन से छह माह पुराना था, जबकि कुछ के संबंध एक-दो वर्षों से थे। जुलाई और अगस्त में भी इस तरह के मामले 200-300 के बीच दर्ज हुए थे।
पुलिस जांच और न्यायालय में बयान
घर से गायब लड़कियों को पकड़ने के बाद पुलिस उनका मेडिकल परीक्षण कराती है और फिर न्यायालय में उनका बयान दर्ज कराया जाता है। उदाहरण के तौर पर, बीते शुक्रवार को 22 और सोमवार को 23 लड़कियों के बयान दर्ज किए गए। यही क्रम अन्य दिनों में भी जारी है।
सगाई के दिन प्रेमी के साथ भागी युवती
तुर्कपट्टी क्षेत्र में दो माह पहले एक युवती ने अपनी सगाई वाले दिन भोर में प्रेमी के साथ घर छोड़ दिया। घर की महिलाएं सुबह सगाई की तैयारियों में लगी थीं, लेकिन कमरे में युवती नहीं मिली। जांच में पता चला कि युवती ने सगाई के लिए रखे गए आभूषण, नकदी और अन्य कीमती सामान अपने साथ ले लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर युवती और उसके प्रेमी की तलाश शुरू की, लेकिन दो माह बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला।
वन स्टॉप सेंटर में स्थिति
घर से भागकर आने वाली अधिकतर लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से कम है। उनके चिकित्सकीय परीक्षण और न्यायालय में बयान के बाद उन्हें वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। पुलिस के अनुसार, कई लड़कियों ने घर लौटने से इनकार कर अपने परिचित युवक के साथ रहने की इच्छा जताई। वर्तमान में वन स्टॉप सेंटर में लड़कियों की भीड़ बनी हुई है, और अधिकतम संख्या में लड़कियों को वहां ठहराया गया है।