Tuesday, October 21, 2025
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नवरात्र पर गरबा पंडालों में विवाद से शुरू हुई ‘आई लव मोहम्मद’ बनाम ‘आई लव महाकाल’ की सियासत

भोपाल। नवरात्र के दौरान गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर विवाद थमा भी नहीं था कि अब ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महाकाल’ पोस्टर नई राजनीति की वजह बन गए हैं।

कानपुर से शुरू हुई ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर की मुहिम अब मध्य प्रदेश तक पहुंच गई है। उज्जैन, सीहोर और इंदौर के इलाकों में ये बैनर दिखाई देने लगे, तो भोपाल के नूर महल क्षेत्र में लाल मस्जिद के सामने भी ऐसे ही होर्डिंग लगाए गए। मुस्लिम समाज का कहना है—“हम अपने पैगंबर मोहम्मद से प्रेम करते हैं, और दूसरों को भी अपने भगवान से प्रेम करना चाहिए। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”

हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया: ‘आई लव महाकाल’ पोस्टर

जैसे ही प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर दिखे, हिंदू संगठन सक्रिय हो गए। उज्जैन के गरबा महोत्सवों में ‘आई लव महाकाल’ पोस्टर लगाए गए और डांडिया की शुरुआत इन्हीं नारों के साथ हुई—“आई लव यू महाकाल, जय जय महाकाल।” इसके बाद भोपाल में भी मुख्यमंत्री निवास के पास शीतलदास की बगिया में यही पोस्टर लगाए गए।

बीजेपी बनाम कांग्रेस—नए बयानबाज़ी युद्ध

मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बारोलिया ने कहा—“भारत सबका देश है। यहां हर कोई अपने ईष्ट देव को याद करता है। भाजपा और आरएसएस धर्म के नाम पर देश का माहौल बिगाड़ने का काम करते हैं।”

वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने पलटवार करते हुए कहा—“महाकाल करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र हैं। कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है और गजवा-ए-हिंद व फिलिस्तीन के झंडे लगाने वालों को समर्थन देती है।”

धर्म बनाम राजनीति: जनता में सवाल

अब ये बैनर और पोस्टर सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं रहे, बल्कि राजनीतिक हथियार बन गए हैं। सवाल यह उठ रहा है कि नवरात्र जैसे उत्सव, जहां रंग, संगीत और भक्ति का माहौल होना चाहिए, वहां धर्म आधारित होर्डिंग्स और सियासी जंग क्यों छेड़ी जा रही है।

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