रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर भारत पर बड़ा भरोसा जताया है. उन्होंने कहा, मैं पीएम मोदी को जानता हूं. भारत के लोग कभी भी अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके साथ ही पुतिन ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि अगर उकसाया तो जवाब घातक होगा.
रूस और यूरोप के बीच बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है. उन्होंने साफ कहा कि यदि यूरोप ने रूस को उकसाने की कोशिश की तो उसका जवाब तुरंत और बेहद घातक होगा. साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराने की कोशिश करने के लिए भारत की तारीफ की. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए पुतिन ने कहा, मैं पीएम मोदी को जानता हूं. भारत के लोग अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. रूस भारत और चीन जैसे देशों का आभारी है, जिन्होंने ब्रिक्स की स्थापना की. ये ऐसे देश हैं जो किसी का पक्ष लेने से इनकार करते हैं और वास्तव में एक न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं
दक्षिण रूस में आयोजित एक समारोह में पुतिन ने कहा, हम यूरोप के बढ़ते सैन्यीकरण पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. रूस की ओर से जवाबी कदम उठाने में वक़्त नहीं लगेगा. और यह प्रतिक्रिया बहुत गंभीर होगी. पुतिन ने साफ किया कि रूस कमजोरी या अनिर्णय का परिचय कभी नहीं देगा. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस का नाटो गठबंधन पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर किसी को अभी भी हमारे साथ सैन्य प्रतियोगिता करने का मन है, तो उन्हें कोशिश कर लेने दें. रूस ने सदियों से यह साबित किया है कि उकसावे का जवाब तुरंत और सख्ती से दिया जाता है.
शांति से सोइए, आराम कीजिए
राष्ट्रपति पुतिन ने विशेष रूप से जर्मनी का नाम लेते हुए कहा कि वह यूरोप में सबसे शक्तिशाली सेना बनाने का सपना देख रहा है. उन्होंने यूरोपीय नेताओं पर हिस्टेरिया फैलाने का आरोप लगाया. यूरोप की एकजुट अभिजात्य जमात लगातार युद्ध की आशंका का माहौल बना रही है. वे बार-बार कहते हैं कि रूस से जंग दरवाज़े पर खड़ी है. यह एक तरह की बकवास है, जिसे वे मंत्र की तरह दोहराते रहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह मानना असंभव है कि रूस कभी नाटो के किसी सदस्य देश पर हमला करेगा. सचमुच, मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूं: शांति से सोइए, आराम कीजिए और अपने घर की समस्याओं पर ध्यान दीजिए. जरा देखिए कि यूरोपीय शहरों की सड़कों पर क्या हो रहा है.
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने पश्चिमी मीडिया की शीत युद्ध जैसी तुलना को खारिज किया. उन्होंने कहा, यह शीत युद्ध नहीं है. यहां काफी पहले से ठंड नहीं, बल्कि आग लगी हुई है. हम पहले से ही एक नए तरह के संघर्ष में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यूरोपीय संघ और नाटो, रूस पर झूठे आरोप लगाकर अपने विशाल रक्षा बजट को सही ठहराना चाहते हैं. “उनके बयान दो चीज़ें बताते हैं. पहला, वे उकसावे की एक श्रृंखला तैयार कर रहे हैं. दूसरा, उन्हें अपने सैन्य बजट को जायज़ ठहराने का बहाना चाहिए.
ड्रोन घटनाएं और बढ़ती चिंताएं
पिछले दिनों डेनमार्क में ड्रोन घटनाओं और एस्टोनिया व पोलैंड में कथित रूसी हवाई उल्लंघनों ने इस डर को गहरा कर दिया है कि यूक्रेन युद्ध की आग सीमाओं से बाहर फैल सकती है. हालांकि पुतिन ने इन चिंताओं को “अफवाह और प्रोपेगेंडा” बताते हुए खारिज किया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों का मकसद अपने सैन्य खर्च को जायज ठहराना है.
अमेरिका और रूस में तनाव
सिर्फ दो महीने पहले अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की मुलाक़ात के बावजूद शांति की उम्मीदें अब और धुंधली होती दिख रही हैं. रूसी सेना यूक्रेन में लगातार बढ़त बना रही है, वहीं रूसी ड्रोन के नाटो हवाई क्षेत्र में दाखिल होने की रिपोर्टें भी आई हैं. इस बीच, अमेरिका अब रूस के भीतर गहरे हमले करने पर विचार कर रहा है.
भारत की तारीफ
अपने संबोधन में पुतिन ने भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्व राजनीति में भारत का संतुलित दृष्टिकोण काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा, भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति से यह दिखाया है कि बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र भी दबावों के बावजूद अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रख सकते हैं. रूस भारत को एक भरोसेमंद साझेदार मानता है. पुतिन ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा संवाद, शांति और कूटनीति पर ज़ोर दिया है, जो मौजूदा समय में बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने भारत के ऊर्जा सहयोग और रणनीतिक संतुलन की भी सराहना की.