गुजरात में मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की तैयारी है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री आज शाम तक राज्यपाल को नए मंत्रिमंडल की सूची सौंपेंगे, जबकि कल सुबह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव सुनील बंसल गांधीनगर पहुंच चुके हैं और लगातार बैठकों का दौर जारी है।
राज्य ब्यूरो, गांधीनगर। दीपावली से पहले भाजपा आलाकमान के फैसले के तहत गुजरात सरकार के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य सरकार के सभी 16 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। अब राज्यपाल आचार्य देवव्रत नए मंत्रिमंडल को शुक्रवार सुबह महात्मा मंदिर में शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल की उपस्थिति रहेगी।
आगामी निकाय चुनावों से पहले भाजपा आलाकमान ने मंत्रिमंडल में बदलाव का निर्णय लेकर सभी को हैरान कर दिया है। गुजरात में भाजपा इससे पहले भी कई राजनीतिक प्रयोग कर चुकी है, जिनमें कार्यकाल के बीच पूरे मंत्रिमंडल को बदलना अब दूसरी बार हुआ है। इससे पहले 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उनके मंत्रिमंडल ने सामूहिक इस्तीफा दिया था।
कौन बन सकता है नया मंत्री?
वर्तमान परिदृश्य में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पानसरिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सकता है। वित्त मंत्री कनुभाई देसाई और जलसंपत्ति एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कुंवरजी बावलिया को भी दोबारा मंत्री पद मिलने की संभावना है, जबकि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, मुकेश पटेल, बचु खाबड, भिखू परमार और कुंवरजी हलपति का मंत्रिमंडल से बाहर होना तय माना जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के समधी एवं उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत के दोबारा मंत्री बनने पर संशय बना हुआ है। वहीं, कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक अर्जुन मोढवाडिया को मंत्री पद मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। कृषि मंत्री बचुभाई खाबड के दोनों पुत्र मनरेगा घोटाले में जेल जा चुके हैं, जिसके चलते उन्हें लंबे समय से मंत्रिमंडल और पार्टी कार्यक्रमों से दूर रखा गया है।
लोकसभा चुनाव में उत्तर गुजरात की बनासकांठा सीट खोने के बाद भाजपा सतर्क हो गई है। ठाकोर समुदाय को साधने के लिए गांधीनगर से विधायक अल्पेश ठाकोर को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वहीं, सौराष्ट्र क्षेत्र में आप के गोपाल इटालिया की जीत से भाजपा को झटका लगा था। इसे संतुलित करने के लिए पार्टी राजकोट के पाटीदार नेता जयेश रादडिया और भावनगर के पाटीदार नेता जीतू वाघाणी को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। दोनों ही पूर्व मंत्री रह चुके हैं।
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल गांधीनगर पहुंचकर प्रदेश प्रभारी रत्नाकरजी के साथ लंबी बैठक कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल के नेतृत्व में भाजपा ने पिछली विधानसभा में रिकॉर्ड 156 सीटें जीती थीं। अब राज्य की सभी महानगरों और नगरपालिकाओं में पार्टी का प्रभुत्व बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अपनी स्वच्छ और मृदुभाषी छवि के साथ-साथ अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चलाने और सीमावर्ती जिलों में बने अवैध धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर कार्रवाई के कारण एक दृढ़ और निर्णायक नेता के रूप में उभरे हैं।
नाराज राजपूत समुदाय को साधने के लिए क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को मंत्री बनाया जा सकता है।
राजपूत समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी और जामनगर की विधायक रीवाबा जडेजा, साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक सी.जे. चावड़ा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। सौराष्ट्र के पाटीदार समुदाय को साधने के लिए पूर्व मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी तथा पूर्व मंत्री जयेश रादडिया को जगह मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, दलित प्रतिनिधित्व के तौर पर अहमदाबाद की पूर्व उपमहापौर और विधायक दर्शना बेन वाघेला को मंत्री पद दिए जाने की संभावना है।
यह भी पढ़ें: धनतेरस 2025: दीया जलाने की जगह, दीपदान का महत्व और शुभ मुहूर्त
कुछ नेताओं को दोबारा मिल सकती है झंडी वाली सरकारी गाड़ी
मंत्रिमंडल में शामिल आठ से दस मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, जबकि कुछ को दोबारा मौका मिलने की संभावना है। गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपना मुंबई दौरा रद्द कर गांधीनगर लौटते हुए अपने आवास पर सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई और उनके इस्तीफे ले लिए। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को भी गांधीनगर तलब किया है।