चक्रवात मोंथा और पश्चिमी विक्षोभ के असर से देशभर में मौसम का रुख बदल गया है। कई राज्यों में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है, जबकि रेलवे ने सुरक्षा के मद्देनज़र कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इस चक्रवात का प्रभाव कृषि पर भी देखने को मिल सकता है।
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात मोंथा, अरब सागर में विकसित गहरे दबाव और उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश का मौसम पूरी तरह बदल गया है। आने वाले चार से पांच दिनों तक देश के लगभग एक तिहाई हिस्से में बारिश और तेज हवाओं की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना यह तंत्र सोमवार शाम तक गंभीर चक्रवात में बदल गया, जिसकी रफ्तार 88 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई। अनुमान है कि मंगलवार को इसकी गति बढ़कर 110 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है और यह तट से टकरा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हालात पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से फोन पर चर्चा की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन रद
तूफान के खतरे को देखते हुए दक्षिण मध्य रेलवे और पूर्वी तटीय रेलवे ने अगले दो दिनों के लिए 100 से अधिक ट्रेनों का संचालन रद्द कर दिया है। चक्रवात मोंथा के प्रभाव से आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। सोमवार को चेन्नई समेत उत्तरी तमिलनाडु के चार जिलों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई। वहीं, इसके उत्तर की ओर बढ़ने से मध्य और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिलेगा।
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दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में चक्रवात का असर देखने को मिलेगा।
चक्रवात मोंथा का असर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किया जाएगा। मौसम विभाग ने 29 से 31 अक्टूबर के बीच इन राज्यों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है। आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास चक्रवात का लैंडफॉल शुरू होगा। फिलहाल तटीय जिलों जैसे राजामुंद्री, विशाखापत्तनम और मछलीपट्टनम में तेज बारिश और झंझावाती हवाएं चल रही हैं। राज्य के सभी जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है और राहत दलों को तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ की टीमें पहले से ही तैनात हैं। कृषि पर इस चक्रवात का गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका है।
फसलों की कटाई और बुवाई पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
दक्षिण और मध्य भारत के राज्यों में खरीफ फसलों की कटाई पर असर पड़ सकता है, जबकि उत्तर भारत में रबी फसलों की बुवाई में देरी की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान एक भी चक्रवात नहीं आया था, इसलिए यह सीजन का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान है, जिसका असर एक साथ अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों तक देखा जाएगा।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण हिमालयी राज्यों में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। वहीं, अरब सागर के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र भी तेजी से मजबूत हो रहा है और अगले 48 घंटों में पूर्व-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इन तीनों प्रणालियों के एक साथ सक्रिय होने से देशभर का मौसम पूरी तरह बदल सकता है और ठंड के आगमन की रफ्तार बढ़ सकती है।
देश के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना जताई गई है।
राजस्थान के 15 जिलों में बारिश : राजस्थान के 15 जिलों में सोमवार को हुई बारिश से ठंड बढ़ गई है। कई इलाकों में दिन का तापमान आठ डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है।
मप्र में किसानों को नुकसान : मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी पकी हुई धान की फसल गिर गई, जबकि मक्का की फसल को भी नुकसान हुआ है। अधिकांश जगहों पर कटाई पूरी हो चुकी थी और गहाई शुरू होने ही वाली थी कि बारिश ने हालात बिगाड़ दिए। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों तक प्रदेश में बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना बनी हुई है।
उत्तराखंड में वर्षा की उम्मीद : मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आज कहीं-कहीं आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। विशेष रूप से कुमाऊं क्षेत्र के पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों में बारिश की संभावना है।
यूपी में भी बारिश के आसार : उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में मंगलवार से गुरुवार तक हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
