उदयपुर, 5 नवम्बर | प्राचीन शिवधाम अमरखजी में सनातन हिन्दू धर्म के पुनरुत्थान की भावना के साथ शिव वास शुक्ल प्रदोष त्रयोदशी के अवसर पर पंद्रह विद्वान पंडितों द्वारा लघु रुद्राभिषेक एवं चंडी पाठ का अनुष्ठान संपन्न हुआ। प्रारंभ में गणपति स्थापना के साथ नवग्रह एवं अन्य देवताओं का शास्त्र सम्मत पूजन हुआ, तत्पश्चात अखंड जलधारा से महाशिवाभिषेक सम्पन्न हुआ।
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प्रमुख गणमान्यजन रहे उपस्थित
इस अवसर पर अमरखजी संरक्षण मंडल, शांति पीठ के अनंत गणेश त्रिवेदी, प्रो. देवेंद्र श्रीमाली, बंशीलाल कुम्हार, अशोक कुमावत, पं. ओम प्रकाश पालीवाल, सत्यनारायण मेनारिया सहित कई प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सनातन संस्कृति के लिए समाधान के संकेत
प्रो. बी. पी. शर्मा ने कहा, “वर्तमान में सनातन संस्कृति पर कई आयामों से प्रहार हो रहे हैं, ऐसे में शिव-शक्ति की श्रद्धापूर्वक आराधना ही सनातन के शाश्वत प्रवाह और विश्व कल्याण को संभव बनाएगी।”
अनंत गणेश त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रोत्थान हेतु आध्यात्मिक शक्ति की जागृति अत्यंत आवश्यक है, जिससे विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।
विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ अनुष्ठान
अनुष्ठान का समापन आरती, पुष्पांजलि मंत्र व महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें पंडित विकास के आचार्यत्व में संपूर्ण विधि सम्पन्न कराई गई।
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