उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के सफल आयोजन को ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। उन्होंने महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया इस आयोजन की सराहना कर रही थी, तब कुछ लोग सिर्फ कमियां निकालने में लगे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि महाकुंभ में देशभर से 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जिससे भारत की सांस्कृतिक एकता और अनुशासन की मिसाल सामने आई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर जोरदार हमला बोला और महाराष्ट्र के विधायक अबू आजमी के बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने औरंगजेब को आदर्श बताया था। योगी ने कहा कि सपा अब डॉ. लोहिया के विचारों से पूरी तरह भटक चुकी है और उसने औरंगजेब जैसी सोच को अपना लिया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर गर्व करने के बजाय औरंगजेब को आदर्श मानते हैं, उन्हें पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। योगी ने आगे कहा कि ऐसे लोगों को यूपी भेज देना चाहिए, जहां उनका “सही इलाज” होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर कहा कि प्रयागराज ने इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान अतिथि सत्कार की नई मिसाल पेश की। उन्होंने बताया कि 100 से अधिक देशों के श्रद्धालु इसमें शामिल हुए, जिससे भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। मुख्यमंत्री ने नाविकों की आर्थिक समृद्धि पर भी चर्चा करते हुए कहा कि इस आयोजन से प्रयागराज के नाविकों ने करीब 30 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि कई नाविकों ने प्रतिदिन 50,000 रुपये तक अर्जित किए। इसे उन्होंने आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण बताया और प्रयागराज एवं काशी के नागरिकों का आभार व्यक्त किया।
सीएम योगी ने महाकुंभ की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सवाल वही लोग उठा रहे हैं, जिन्होंने इस आयोजन में भाग ही नहीं लिया। उन्होंने श्रीमद्भगवद गीता का संदर्भ देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था, ‘मैं भक्तों को उनके भाव के अनुसार ही दर्शन देता हूं।’ इसी तरह, महाकुंभ का अनुभव भी व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि प्रयागराज और आसपास के लोगों ने पूरे आयोजन के दौरान अतुलनीय मेहमाननवाजी की और ‘अतिथि देवो भव’ की भारतीय परंपरा को और मजबूत किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने हिंदू संस्कृति को एक नई दिशा दी और सामाजिक एकता का नया अध्याय जोड़ा। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग सिर्फ कमियां निकालने में लगे रहे, जबकि सरकार ने बिना किसी विवाद में उलझे अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
सीएम योगी ने सभी दलों से आग्रह किया कि वे मर्यादित भाषा का प्रयोग करें और अपने विचार गरिमा के साथ सदन में रखें। उन्होंने उन सभी सदस्यों का आभार जताया, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण चर्चा में योगदान दिया। अंत में उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत जातिवाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर एकजुट और सशक्त राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ रहा है।