नागपुर के महाल इलाके में दो पक्षों के बीच झड़प के बाद हालात बिगड़ गए, जिससे पथराव और आगजनी हुई। हिंसा की जड़ में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग भी शामिल रही, जिसे हिंदुत्ववादी संगठनों ने उठाया था।
| 1. नागपुर के महाल क्षेत्र में झड़प के बाद तनाव बढ़ा। 2. हिंसा के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। 3. हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। |
नागपुर में हिंसा: औरंगजेब की कब्र को लेकर दो गुटों में झड़प, पथराव और आगजनी
नागपुर के महाल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच देर रात दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई। देखते ही देखते माहौल बिगड़ गया, उपद्रवियों ने पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। आरोप है कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रदर्शन के दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव कर दिया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हाल के दिनों में हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेज हो गई है। सोमवार सुबह वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया था। शाम होते-होते अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है, जिसके बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया।
नागपुर हिंसा: हालात अब भी तनावपूर्ण, जानिए अब तक क्या हुआ?
- अचानक हमला: स्थानीय लोगों के मुताबिक, करीब 200 से 300 लोगों की भीड़ अचानक आई और घरों पर पथराव किया। इलाके में खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हमलावरों ने चेहरे ढक रखे थे और कुछ के पास पेट्रोल बम भी थे।
- प्रत्यक्षदर्शियों का बयान: एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमने पहले कभी ऐसी घटना नहीं देखी। हमारे घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए गए। भीड़ में कोई भी स्थानीय नहीं था।” हिंसा के दौरान एक वृद्ध महिला की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- पुलिस अधिकारी पर हमला: इस झड़प में पुलिस उपायुक्त (DCP) निकेतन कदम पर भी हमला हुआ। भीड़ में शामिल एक शख्स ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- सुरक्षा कड़ी: नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अब तक पथराव करने वाले 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की है।
- तनाव की शुरुआत: सोमवार दोपहर कुछ संगठनों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। इसी दौरान दो गुटों के बीच हल्का विवाद हुआ, जिसे तुरंत सुलझा लिया गया। लेकिन शाम 7 बजे के आसपास शिवाजी चौक पर एक बड़ा समूह नारेबाजी करने लगा, जिससे माहौल और गरम हो गया।
- कर्फ्यू लागू: हालात काबू में लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंघल ने आदेश जारी किया कि यह प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा।
- कर्फ्यू के दायरे में क्षेत्र: कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर, कपिल नगर सहित कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।
- मुख्यमंत्री की अपील: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “नागपुर हमेशा भाईचारे का शहर रहा है। हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
- साजिश का आरोप: विधायक प्रवीण दटके ने इस हिंसा को “पूर्व नियोजित साजिश” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि “सुबह का आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन रात में योजनाबद्ध तरीके से बाहर से लोगों को बुलाकर हमला कराया गया।”
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने हिंसा के लिए राज्य के गृह विभाग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से कुछ लोग समाज में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे थे, जो अब सफल हो गई है।”
- स्थिति पर नजर: नागपुर पुलिस ने कहा कि इलाके में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून व्यवस्था बनाए रखें।
