अगर देश में इमरजेंसी जैसी स्थिति आती है तो भारत कैसे संभालेगा हालात? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर एक ठोस रणनीति तैयार की है। मास्टर प्लान के तहत ऐसा सिस्टम विकसित किया गया है जिससे आम नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपातकाल के हालात में भी जरूरी सेवाएं और संसाधन लोगों तक आसानी से पहुंच सकें, इसके लिए केंद्र सरकार ने पहले से ही तैयारियां पूरी कर ली हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण हालात (India-Pakistan Tensions) के मद्देनजर केंद्र सरकार ने किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक रणनीति तैयार कर ली है। सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी संकट की स्थिति में आम नागरिकों के जीवन पर न्यूनतम असर हो और आवश्यक सेवाएं पूरी तरह चालू रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्होंने सभी मंत्रालयों को ज़रूरी निर्देश दिए और हालात का जायजा लिया। इसके बाद शुक्रवार को मंत्रालयों की अलग-अलग स्तर पर अहम बैठकें हुईं, जिसमें तैयारियों की गहराई से समीक्षा की गई।
हर जरूरी क्षेत्र में चौकस है सरकार
केंद्र सरकार सभी मोर्चों पर तैयारी कर रही है, लेकिन विशेष ध्यान उन मंत्रालयों पर है जिनकी सेवाएं आम नागरिकों से सीधे जुड़ी हुई हैं।
गृह मंत्रालय:
गृह मंत्री अमित शाह ने सीआईएसएफ, बीएसएफ और नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो के प्रमुखों के साथ सुरक्षा की समीक्षा की। उन्होंने पाकिस्तान सीमा से लगे क्षेत्रों, हवाई अड्डों और प्रमुख सरकारी संस्थानों की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय:
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य ढांचे की स्थिति को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें दवाओं, मेडिकल उपकरणों और एंबुलेंस सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही सीमावर्ती राज्यों में जिला स्तर तक इमरजेंसी मेडिकल व्यवस्था पुख्ता करने को कहा गया।
वित्त मंत्रालय:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग और साइबर सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने डिजिटल भुगतान प्रणाली और यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म्स की निरंतरता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि आपात स्थिति में वित्तीय सेवाएं बाधित न हों।
सड़क परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर:
नितिन गडकरी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा और यातायात सुचारू बनाए रखने को लेकर समीक्षा की। उन्होंने राज्य सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा।
कृषि मंत्रालय:
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद्यान्न, फसल बुआई और सब्जियों की आपूर्ति को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट ली। उन्होंने भरोसा दिलाया कि देश में जरूरी खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है और किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
निष्कर्ष:
केंद्र सरकार की यह तैयारियां दिखाती हैं कि किसी भी अप्रत्याशित हालात में देश की व्यवस्थाएं पूरी तरह से सक्रिय रहेंगी और आम नागरिकों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
