उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर को गिरफ्तार किया.
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए मुख्य सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर को गिरफ्तार किया है। खुद को ‘हाजी पीर’ बताने वाला छांगुर पीर अब तक करीब 3000 से 4000 हिंदुओं को निशाना बना चुका है, जिनमें 1500 से ज्यादा लड़कियों का जबरन या बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराया गया।
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि इसकी जड़ें मुंबई और दुबई तक फैली थीं। छांगुर पीर ने 40 से ज्यादा बार खाड़ी देशों की यात्राएं कीं और करीब 100 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग के जरिए इस नेटवर्क को सक्रिय रखा। यह पैसा 40 से अधिक बैंक खातों में घुमाकर इस्तेमाल किया गया।
एटीएस को एनआईए स्पेशल कोर्ट से जलालुद्दीन और उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन की सात दिन की कस्टडी रिमांड (10 से 16 जुलाई) भी मिली है। पूछताछ के दौरान दोनों से धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल डेटा, बैंक लेनदेन और अन्य डिजिटल सबूत खंगाले जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर छांगुर और नसरीन को बलरामपुर, पुणे और नागपुर भी ले जाया जा सकता है, ताकि इस रैकेट की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।
खुलासा यह भी हुआ है कि छांगुर के कई रिश्तेदारों पर आजमगढ़ में भी अवैध धर्मांतरण के मामले दर्ज हैं।
इस वक्त एटीएस की टीम उन सभी लोगों की पहचान कर रही है जो इस नेटवर्क के शिकार बने। हालांकि, कई पीड़ित डर और धमकियों की वजह से खुलकर बोलने से बच रहे हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच से इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का सच सामने आ सकेगा।
अब इस मामले में आईबी और एनआईए की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। वे छांगुर को मिली विदेशी फंडिंग के स्रोतों और उसके एनआरई-एनआरओ खातों की गहन जांच कर रही हैं। एटीएस का अनुमान है कि यह अब तक का सबसे बड़ा अवैध धर्मांतरण नेटवर्क हो सकता है, जिसकी शाखाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैली हुई हैं।