Thursday, September 11, 2025
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मेवाड़ की मीराओं की नजर में जानिए “उनके” बांके बिहारी के बारे में

सीनियर रिपोर्टर- श्रीमती भगवती जोशी
फतेह नगरl बचपन सूं ही चेतन दास जी महाराज सूं जड़ी हुई रेखा कुंवर बतावै छै कि 10 वरस की आयु सूं ही महाराज श्री चैतन्य दास जी सूं जुड़ी हुई छै। म्हारे सारे भाई बहन सब चेतन दास जी महाराज के शिष्य छै, म्हारे पूरे परिवार नै जो मार्गदर्शन दियो है अर हमेशा जो मार्गदर्शन मिलियो है, वो महामंडलेश्वर श्री चेतन दास जी महाराज सूं ही मिलियो है।

कुंभ के मेले में गुरु जी के साथ

भीम खंड सूं हमेशा यहाँ पर गुरु जी के आश्रम पर आवै छै। नै आशीर्वाद लैण वास्ते एक गुरु जी के जन्म उत्सव की प्रेरणा म्हांरै कुंभ के मेले में गये तब मिली ही। गुरु जी हमेशा ही कुंभ के मेले में जावै छै तो हम उनस दौरान गुरु जी सूं फोन पर ही प्रणाम कर लै छै।

गुरु जी के जन्मदिन की बधाई

चैत्र का महीना ही, उस दिन नव वर्ष ही। तो हम सब नै गुरु जी नै प्रणाम कीधो अर कह्यो गुरु जी आज तो नया वर्ष है तो गुरु जी नै कह्यो कि आज तो मैं 65 वरस का हो गियो हूं। तो म्है कह्यो आज तो आप का जन्म दिन है गुरु जी, जन्मदिन की खूब-खूब बधाई तो गुरु जी हंसण लागा।

गुरु जी के आशीर्वाद की प्राप्ति

गुरु जी नै कह्यो कि जो मैं इहाँ होतो तो आप सब बहनों नै बधाई देवतो। सब बहन बेटियां इहाँ होती तो सब बहन बेटियों नै बधाई देवतो तो म्हारे मन में प्रेरणा आई कि ऐसे अपणे गुरु जी छै, अपण सब गुरु जी नै भगवान सम्मान माणै छै। भगवान नै भी बाद में माणै छै तो म्है सब बहनों नै इधर फोन लगाए।

गुरु जी के जन्म उत्सव का आयोजन

म्है सब नै कह्यो कि अपण भी गुरु जी का जन्मदिन मनावै कहां की गुरु जी का एक जन्मदिन एक उत्सव के रूप में अपण मनावै। बावजी सूं पहलै आशीर्वाद लियो, बावजी सूं पूछियो कि हम सब आप का जन्मदिन मनावै तो बावजी नै कह्यो कि मनका को कई जन्म दिन मनावै।

गुरु जी की कृपा की अनुभूति

बावजी हमेशा एक साधारण जीवन में रेवे, बहुत ही साधारण छा उनका जीवन तो कि तो म्है कह्यो कि आप ही म्हारे सब के लिए भगवान छो, हम तो म्हारे भगवान का जन्मदिन मनावै छै तो बा व जी नै कह्यो कि सांवरिया आप सब की मनोकामना पूरी करैलो। बावजी नै हां कर दी हम सब बहन एकत्रित हुई अर उसके बाद हम सब गुरु भाई बहन मिलकर एक बहुत बड़े उत्सव के रूप में गुरु जी का जन्म उत्सव मनावै छै।

गुरु जी के प्रति श्रद्धा

सब एक दूसरे सूं हिल मिलकर आनंद सूं उनका जन्म समझी मुंगाणा की पुष्पा बहन म्हारे मंडल का नाम मीरा मंडल राखियो कारण कि गुरु जी का एक खालसा छा मीरा खालसा के नाम सूं तो म्है म्हारे मंडल का नाम मीरा मंडल राख दियो इससे बावजी बहुत प्रसन्न हुआ।

गुरु जी की विरासत

गुरुदेव एक बहुत ही बड़ी विभूति छा मारवाड़ के लिए एक सूर्य छा जो अस्त हो गियो। गुरु जी के लिए आज भी मारवाड़ी नहीं देश नहीं धरती का कण कण गुरुदेव के लिए रूद्र कर रहा है कितने भी संत महात्मा हो लेकिन हमारे गुरुदेव जैसा नहीं है कोई संत।

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