प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे की टिप्पणी से नाराज़ तो हुए, मगर संसद में ही उन्होंने उन्हें माफ भी कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, वो युवा सांसद हैं, उन्हें क्षमा कर देना चाहिए। साथ ही तंज कसते हुए बोले कि कांग्रेस के आका में हिम्मत नहीं होती, इसलिए वो अपने सांसदों से इस तरह की बातें बुलवाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस की युवा सांसद प्रणीति शिंदे के बयान को लेकर सीधे पार्टी आलाकमान पर हमला बोला। ऑपरेशन सिंदूर पर प्रणीति की टिप्पणी से पीएम मोदी नाराज़ तो दिखे, लेकिन उन्होंने कहा कि प्रणीति युवा सांसद हैं, इसलिए उन्हें माफ कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने तंज कसा कि कांग्रेस के नेताओं में खुद बोलने की हिम्मत नहीं है, इसलिए अपने सांसदों से ऐसी बातें कहलवाते हैं।
दरअसल, लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सोलापुर से सांसद प्रणीति शिंदे ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि यह ऑपरेशन सिर्फ एक “तमाशा” बनकर रह गया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इस ऑपरेशन में क्या हासिल हुआ, कितने आतंकवादी पकड़े गए, कितने लड़ाकू विमान गंवाने पड़े और किसकी गलती से क्या हुआ – इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहे जाने पर पीएम मोदी भड़क गए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के नए सदस्य को क्षमा कर देना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के आका खुद तो बोल नहीं पाते, उनसे बुलवाते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर तमाशा था। यह पहलगाम हमले पर तेजाब छिड़कने जैसा पाप है। असहमति हो सकती है, लेकिन तमाशा कहना दुखद है।”
कौन हैं प्रणीति शिंदे?
प्रणीति शिंदे महाराष्ट्र के सोलापुर से सांसद हैं और पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं। सांसद बनने से पहले वे सोलापुर सेंट्रल से विधायक भी रह चुकी हैं और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व संभाल रही हैं। 9 दिसंबर 1980 को जन्मीं प्रणीति ने बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल, माहिम से पढ़ाई की और सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से स्नातक की डिग्री हासिल की। उनके पास लॉ की भी डिग्री है। साल 2024 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
कांग्रेस पर पीएम मोदी का बड़ा हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आज कांग्रेस हमें डिप्लोमेसी का पाठ पढ़ा रही है, जबकि 26/11 मुंबई हमले के कुछ ही हफ्तों बाद विदेशी दबाव में पाकिस्तान से बातचीत शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा, “उस समय की कांग्रेस सरकार ने एक भी पाकिस्तानी राजनयिक को नहीं निकाला, यहां तक कि एक भी वीजा तक रद्द नहीं किया।” पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि जब उनकी सरकार आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है, तो कांग्रेस सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया? उन्होंने आरोप लगाया कि इसका कारण कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति और वोट बैंक की सोच रही है, जिससे आतंकवाद को पनपने का मौका मिला।