वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज, राधा रानी के परम भक्त हैं। उनके सत्संग में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। यदि आप भी दर्शन करना चाहते हैं, तो यहां जानें अपॉइंटमेंट बुकिंग, टोकन प्रक्रिया, समय, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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दर्शन के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने की प्रक्रिया
प्रेमानंद जी महाराज से एकांतिक वार्तालाप के लिए श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम से संपर्क करें। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट https://vrindavanrasmahima.com/ पर जाएं और ‘Darshan’ सेक्शन में मौजूद ‘Contact Us’ फॉर्म भरें। फॉर्म में अपना नाम, फोन नंबर, ईमेल, विषय (जैसे Ekantik Vartalap) और संदेश दर्ज करें। सबमिट करने के बाद रसीद प्रिंट करें और प्रवेश के समय आश्रम गेट पर दिखाएं। रजिस्ट्रेशन सुबह 9:00 बजे के बाद शुरू होता है।
एकांतिक वार्तालाप के दौरान केवल आध्यात्मिक प्रश्न ही पूछें। महाराज जी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन सीमित भक्तों का ही रजिस्ट्रेशन होता है। यदि आप दीक्षा लेना चाहते हैं, तो यह वार्तालाप उसी प्रक्रिया का हिस्सा माना जाता है।
दर्शन के लिए टोकन कैसे प्राप्त करें?
दर्शन टोकन प्राप्त करने के लिए आश्रम पहुंचें। महाराज जी के शिष्य प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे अगले दिन के दर्शन हेतु टोकन वितरित करते हैं। सत्संग, कीर्तन और एकांतिक दर्शन के लिए अलग-अलग टोकन मिलते हैं। टोकन लेने के समय आधार कार्ड या पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य है। दर्शन के लिए राधा केलि कुंज के मुख्य गेट पर पहुंचे। ध्यान रखें, सत्संग टोकन आसानी से मिल जाता है, लेकिन एकांतिक दर्शन के लिए समय से पहले पहुंचना उचित रहता है।
टोकन राशि और शुल्क जानकारी
प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन या मुलाकात पूरी तरह निःशुल्क हैं — किसी भी प्रकार की टोकन राशि या प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता। आश्रम पूरी तरह भक्ति और सेवा पर आधारित है, जबकि दान स्वैच्छिक होता है।
आश्रम का समय
आश्रम का पता:
श्री हित राधा केलि कुंज, वृंदावन परिक्रमा मार्ग, वराह घाट, भक्ति वेदांत अस्पताल के सामने, वृंदावन, उत्तर प्रदेश – 281121
परिक्रमा:
महाराज जी रात 2:30 बजे परिक्रमा के लिए निकलते हैं। दर्शन के इच्छुक भक्तों को 1:30 बजे तक दर्शन पॉइंट पर पहुंच जाना चाहिए।
एकांतिक वार्तालाप:
प्रवेश सुबह 5:30 बजे से प्रारंभ होता है, और वार्तालाप 6:30 बजे शुरू होती है।
एकांतिक दर्शन:
प्रवेश 7:30 बजे, और दर्शन प्रारंभ 8:00 बजे से होते हैं।
सत्संग:
प्रवेश सुबह 3:00 बजे, तथा सत्संग प्रारंभ 4:15 बजे से होता है।
दर्शन से जुड़ी उपयोगी सुझाव
आश्रम में सदैव शांति और अनुशासन बनाए रखें। भक्तिभाव से केवल ‘राधे राधे’ का जाप करें। सत्संग और कथा सुबह एवं शाम दोनों समय आयोजित होते हैं। कृपया ध्यान दें, महाराज जी के स्वास्थ्य के अनुसार समय में परिवर्तन संभव है।
