तेज प्रताप यादव ने एनडीए का समर्थन घोषित किया है और तेजस्वी के विरोध में खड़ी बहन रोहिणी आचार्या को अपनी पार्टी जेजेडी में शामिल होने का प्रस्ताव भी दिया है। यह कदम लालू प्रसाद यादव के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है। लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने एनडीए को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही, तेजस्वी यादव के खिलाफ खुलकर सामने आईं बहन रोहिणी आचार्या को उन्होंने अपनी पार्टी जेजेडी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) की बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसमें रोहिणी आचार्या को पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक पद का प्रस्ताव भी रखा गया। इसकी जानकारी जेजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम यादव ने दी।
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विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और परिवार में बेटे-बेटी के बीच चल रहे तनाव के बीच लालू प्रसाद यादव को एक और बड़ा झटका लगा है। जिस भाजपा के खिलाफ लालू यादव वर्षों से संघर्ष करते रहे, अब उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने उसी दल के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए का साथ देने की घोषणा कर दी है। तेज प्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल ने एनडीए को नैतिक समर्थन का ऐलान किया है। तेज प्रताप का यह कदम ऐसे वक्त आया है जब राजद, लालू और तेजस्वी यादव चुनावी हार के कारण उठ रहे सवालों का जवाब तलाशने में जुटे हैं।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, तेज प्रताप यादव की पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में एनडीए सरकार को नैतिक समर्थन देने का फैसला लिया गया। पार्टी प्रवक्ता प्रेम यादव ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द ही रोहिणी आचार्या से बातचीत करेंगे और उन्हें जेजेडी के राष्ट्रीय संरक्षक की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह करेंगे। हालांकि यह समर्थन किसी औपचारिक गठबंधन का हिस्सा नहीं होगा। बिहार की राजनीति में इस कदम को बड़ा राजनीतिक विकास माना जा रहा है। प्रेम यादव के अनुसार, तेज प्रताप यादव का कहना है कि जेजेडी ही लालू यादव की ‘वास्तविक’ पार्टी है। माना जा रहा है कि तेज प्रताप का यह निर्णय राजनीति में अपनी स्वतंत्र पहचान मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।
तेज प्रताप यादव साफ कर चुके हैं कि अब वे किसी भी हालत में राजद में लौटने वाले नहीं हैं। उनका कहना है कि वे स्वतंत्र रहते हुए बिहार की जनता की सेवा करेंगे। हाल ही में एक मॉल में दोनों भाइयों की आमने-सामने मुलाकात हुई, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।
