सीनियर रिपोर्टर- श्रीमती भगवती जोशी
उदयपुर/राजसमंद, 25 दिसंबर।
मेवाड़ अंचल की पहचान अब केवल परंपरागत खेती तक सीमित नहीं रही है। उदयपुर जिले की मावली तहसील के आसोलियो की मादड़ी निवासी प्रगतिशील किसान नारायण सिंह राव ने आधुनिक कृषि तकनीकों के सहारे स्ट्रॉबेरी जैसी उच्च मूल्य वाली फसल उगाकर मेवाड़ की धरती में ‘लाल सोना’ पैदा कर दिखाया है। उनका यह प्रयोग न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
नारायण सिंह राव द्वारा की जा रही स्ट्रॉबेरी की खेती राजसमंद जिले की घोड़च पंचायत के कुंडा गांव में की जा रही है, जहां उन्होंने मेवाड़ की जलवायु और मिट्टी के अनुसार आधुनिक पद्धतियों को अपनाकर कम समय में उल्लेखनीय सफलता हासिल की।
जहां संदेह था, वहां सफलता उगी
स्ट्रॉबेरी को आमतौर पर ठंडे और समशीतोष्ण क्षेत्रों की फसल माना जाता है, लेकिन नारायण सिंह राव ने इस धारणा को तोड़ते हुए मेवाड़ क्षेत्र में इसकी सफल खेती कर दिखाई। शुरुआत में इस प्रयोग को लेकर संदेह था, लेकिन महज दो माह के भीतर ही बंपर उत्पादन ने हर शंका को समाप्त कर दिया।
आधुनिक तकनीक बनी सफलता की कुंजी
स्ट्रॉबेरी की खेती में उन्होंने ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, संतुलित पोषण, तापमान प्रबंधन और पौधों की नियमित निगरानी जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग किया। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई, बल्कि फलों की गुणवत्ता भी उत्कृष्ट रही, जिससे बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त हुई।
आर्थिक मजबूती के साथ बदली किसानों की सोच
इस नवाचार से नारायण सिंह राव की आमदनी में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि खेती अब केवल परंपरा नहीं, बल्कि सही तकनीक और प्रबंधन के साथ एक लाभकारी उद्यम बन सकती है। कुंडा गांव सहित आसपास के क्षेत्रों के किसानों की सोच अब वैकल्पिक और आधुनिक खेती की ओर बढ़ रही है।
दूर-दूर से देखने आ रहे किसान
कुंडा गांव में स्थित उनके स्ट्रॉबेरी खेत अब किसानों के लिए एक जीवंत उदाहरण बन चुके हैं। मावली, राजसमंद और आसपास के क्षेत्रों से किसान यहां पहुंचकर खेती की तकनीक समझ रहे हैं और इसे अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
गणतंत्र दिवस पर मिला प्रशासनिक सम्मान
कृषि क्षेत्र में नवाचार और उल्लेखनीय योगदान के लिए गणतंत्र दिवस समारोह 2025 के अवसर पर जिला प्रशासन, राजसमंद द्वारा नारायण सिंह राव को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके परिश्रम, दूरदर्शिता और मेवाड़ क्षेत्र में कृषि नवाचार को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
मेवाड़ के किसानों के लिए प्रेरक संदेश
नारायण सिंह राव की यह सफलता कहानी यह संदेश देती है कि यदि किसान साहस के साथ नई तकनीक अपनाएं और मेहनत से पीछे न हटें, तो खेती न केवल आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकती है, बल्कि पूरे क्षेत्र की पहचान भी बदल सकती है।
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